कोटा: कॉमर्स कॉलेज की जर्जर बिल्डिंग की मरम्मत की मांग को लेकर NSUI का उग्र प्रदर्शन, छात्रों ने कॉलेज गेट पर टायर जलाए
Monday, Aug 04, 2025-04:15 PM (IST)

कोटा, 4 अगस्त 2025 । राजस्थान के कोटा में स्थित सरकारी कॉमर्स कॉलेज एक बार फिर छात्रों के गुस्से का केंद्र बन गया। कॉलेज की जर्जर हो चुकी बिल्डिंग की मरम्मत को लेकर NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने मंगलवार को जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व छात्र नेता अर्पित जैन ने किया। छात्रों ने कॉलेज गेट पर टायर जलाकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब प्रदर्शनकारी प्रिंसिपल के चैंबर में घुस गए, जिसके बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने छात्रों को धक्के देकर बाहर निकाला, जिससे अराजकता का माहौल बन गया।
क्या है पूरा मामला?
छात्र नेता अर्पित जैन ने बताया कि वे साल 2022 से लगातार कॉलेज की जर्जर हो चुकी बिल्डिंग की मरम्मत की मांग कर रहे हैं। कॉलेज की छत से अब भी पानी टपकता है। बरसात में कई कमरों में पानी भर जाता है। पिछले साल सिर्फ लाइब्रेरी का काम करवाया गया था, लेकिन उसकी स्थिति भी खराब है। जब हमने उस मरम्मत कार्य का बिल मांगा तो प्रिंसिपल घबरा गए और पुलिस को बुला लिया।
छात्रों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
NSUI के प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन छात्रों की समस्याओं की अनदेखी कर रहा है और वर्षों से लंबित मरम्मत कार्य को टाल रहा है। छात्रों ने कहा कि यदि जल्द बिल्डिंग की मरम्मत शुरू नहीं होती तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
प्रिंसिपल के चैंबर में घुसे प्रदर्शनकारी, पुलिस ने बाहर निकाला
प्रदर्शन के दौरान छात्र बड़ी संख्या में प्रिंसिपल कार्यालय में घुस गए। कॉलेज प्रशासन ने जैसे ही स्थिति को गंभीर होते देखा, पुलिस को सूचना दी। कोटा पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक बाहर निकाला। इस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
छात्रों की मांगें –
कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग की तत्काल मरम्मत कराई जाए।
छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए छतों की जांच कराई जाए।
मरम्मत पर हुए खर्च की पारदर्शिता के लिए बिल सार्वजनिक किया जाए।
बारिश के दौरान जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए।
अब क्या आगे?
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे कॉलेज गेट पर भूख हड़ताल और अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे। यह मामला अब शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है।