सदन में विधायक मनोज न्यांगली ने सीमावर्ती महिलाओं को ''माइग्रेटिड व्यक्ति'' के ठप्पे से बाहर लाने के लिए सरकार को घेरा

Monday, Jul 29, 2024-07:57 PM (IST)

जयपुर, 29 जुलाई 2024 । राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विधायक मनोज न्यांगली ने सीमावर्ती महिलाओं को 'माइग्रेटिड व्यक्ति' के ठप्पे से बाहर लाने के लिए सरकार को घेरा । विधायक न्यांगली के प्रश्नों के जवाब में सरकार ने प्रथम बार स्वीकार किया कि नजदीकी अन्य राज्यों से राजस्थान में विवाहित महिलाएं राजस्थान की मूल निवासी हैं ।  

सरकार के मंत्री द्वारा उक्त स्वीकारोक्ति करते ही न्यांगली ने पूरक सवाल किया कि जब ये महिलाएं कानूनन मूल निवासी हैं तो सरकार इन्हें 'माइग्रेटिड' कहकर अपमानित क्यों कर रही है ?, इस पर सरकार का गोलमाल जवाब सामने आया । प्रत्युत्तर में सरकार EWS प्रकरण का बहाना बनाकर वास्तविक जवाब से बचती हुई नजर आई । सरकार सदन में यह घोषणा नहीं कर पाई कि इन महिलाओं को 'माइग्रेटिड व्यक्ति' के दायरे से बाहर निकालकर मूलनिवासी व्यक्ति की SC,ST,OBC वर्ग का आरक्षण देना शुरू कर देगी ।  

गौरतलब है कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी भी सर्कुलर में विवाहित महिलाओं को 'माइग्रेटिड व्यक्ति' नहीं माना गया है । शिक्षा, रोजगार आदि सीमित अवधि के लिए जन्म वाले राज्य से अन्य राज्यों में निवासित व्यक्तियों को 'माइग्रेटिड व्यक्ति' की श्रेणी में शामिल किया जाता है । जबकि राजस्थान राज्य में अन्य राज्यों से यहां विवाहित महिलाओं को मूलनिवासी की बजाय 'माइग्रेटिड व्यक्ति' कहकर इन्हें नौकरी व चुनाव में आरक्षण के हक से वंचित किया जा रहा है । यह सीमावर्ती राजस्थान का बहुत बड़ा मुद्दा है । 

बता दें कि चूरू लोकसभा क्षेत्र के सादुलपुर से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए मनोज न्यांगली ने बाद में बसपा को छोड़कर महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए थे ।  


Content Editor

Chandra Prakash

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