मंत्रीजी ने फहराया झंडा...शहर बीजेपी पानी-पानी, जिला स्तरीय सम्मान समारोह में अधिकतर कर्मचारी...प्रशासन पानी-पानी, शहर में बारिश...पूरा बीकानेर पानी-पानी
Friday, Aug 16, 2024-06:26 PM (IST)
बीकानेर, 16 अगस्त 2024 (प्रेमपाल ) : 15 अगस्त को बीकानेर में सब जगह पानी-पानी होता हुआ नजर आया । अब बात चाहे स्वतंत्रता दिवस पर कैबिनेट मंत्री के झंडा फहराने की हो या जिला स्तरीय सम्मान समारोह की और या फिर एक बार फिर आई बारिश की । कमोबेश हर जगह स्थिति पानी-पानी वाली ही रही।
सबसे पहले बात करें स्वतंत्रता दिवस की, तो इस बार झंडा फहराई की रस्म कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा के हाथ में थी, लेकिन मामला तब अलग लगा जब बीकानेर पूर्व विधायक सिद्धि कुमारी और पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास इस कार्यक्रम से नदारद मिले। ऐसा भला कैसे हो सकता है ?, कि शहर के इतने बड़े और खास कार्यक्रम में शहर के विधायक ही अनुपस्थित रहे। हालांकि इस कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष विजय आचार्य नजर आए, लेकिन बीजेपी इस मामलें में पानी-पानी होती नजर आई ।
जिला प्रशासन द्वारा इस बार भी सम्मान समारोह हुआ । अच्छी बात है, काम करने वालों का सम्मान होना भी चाहिए, इसी अच्छाई को जिला प्रशासन ने आगे बढ़ाते हुए 75 लोगों का सम्मान भी कर डाला। मगर गौर करने वाली बात ये रही कि इस सम्मान समारोह में सम्मान पाने वाले अधिकतर सरकारी कर्मचारी ही नजर आए। इस सम्मान समारोह के बाद प्रशासन के लोगों से ये सवाल वाजिब है, कि क्या बीकानेर में सरकारी कर्मचारियों के सम्मान देने के चक्कर में अलग अलग क्षेत्रों में काम कर रहे आम नागरिक की इस सूची में ज़रूरत नहीं लगी या वो इस बार कम हकदार लगे ? कोई प्रशासन से पूछने वाला हो तो शायद सम्मान की स्थिति और अधिक साफ नजर आए। फिलहाल इस मामले में प्रशासन पानी-पानी होता नजर आया।
गुरुवार को एक बार बारिश आई, बारिश से लोगों के चेहरो पर सावन महीने में दिखने वाली चमक फिर नजर आई । शहर और आसपास के गांवों में हुई अच्छी बारिश के बाद प्रशासन के सुरक्षा और बेहतर इंतजामों के दावे पानी के साथ-साथ ही बहते नजर आए। शहर के लगभग हर इलाके मुरलीधर कॉलोनी से सुर्दशना नगर के इलाके हो या सूरसागर, रेलवे स्टेशन, गंगाशहर -सुजानदेसर, कोटगेट के । अंदर बाहर सब जगह पानी भराव की मौजूदगी ने प्रशासन के इंतजामों को उड़ा कर रख दिया। आलम ये नजर आया कि बारिश के बाद उफान से सीवर लाइन के चेम्बर तक हट गए, शहर के नालों-नालियों की स्थिति और बदतर थी। सड़कों के गड्डों ने इस स्थिति को और भी बदसूरत बना दिया। इस सबके चलते बारिश के बाद पूरा शहर पानी-पानी होता नजर आया।