झुंझुनू में IPL सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़, 10 लाख कैश, 29 मोबाइल फोन जब्त, करोड़ों का हिसाब मिला
Wednesday, Jun 04, 2025-09:08 PM (IST)

देशभर में क्रिकेट के बुखार के बीच, इंडियन प्रीमियर लीग मैचों पर चलने वाले बड़े सट्टेबाजी रैकेट का झुंझुनू पुलिस ने पर्दाफाश किया है। झुंझुनू पुलिस की एजीटीएफ और कोतवाली थाना पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में ऑनलाइन सट्टा लगाते हुए तीन प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 10,40,350 नकद राशि, 29 मोबाइल फोन सहित सट्टेबाजी में प्रयुक्त होने वाली भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पुलिस को आरोपियों से लगभग 3 करोड़ रुपये के सट्टे का हिसाब-किताब भी मिला है, जो इस रैकेट के बड़े पैमाने पर फैले होने का संकेत देता है।
ऐसे हुआ खुलासा -
यह बड़ी कार्रवाई झुंझुनू के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजावत के निर्देशानुसार और वृताधिकारी शहर वीरेंद्र कुमार शर्मा के पर्यवेक्षण में संपन्न हुई। मंगलवार, 3 जून की रात को गश्त पर निकले थाना कोतवाली के एसआई प्यारेलाल को एजीटीएफ प्रभारी विक्रम सिंह से पुख्ता सूचना मिली। सूचना के अनुसार, वसुंधरा नगर स्थित अनिल श्योराण के एक मकान में कुछ लोग पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच चल रहे क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा लगा रहे थे।
सूचना की गंभीरता को समझते हुए एसआई प्यारेलाल अपनी टीम के साथ एजीटीएफ और क्यूआरटी की टीमों को लेकर तुरंत बताए गए मकान पर पहुंचे। मकान की दूसरी मंजिल से क्रिकेट मैच की कमेंट्री और टीवी की आवाजें सुनाई दे रही थी। जब पुलिस टीम ने छापा मारा, तो उन्हें तीन व्यक्ति लैपटॉप, रजिस्टर और कई मोबाइल फोन के साथ सट्टेबाजी करते हुए रंगे हाथों मिले। एक मोबाइल फोन से स्पीकर जुड़ा हुआ था, जिससे सट्टे के भाव बताए जा रहे थे। पुलिस को देखते ही तीनों हड़बड़ा गए और पूछताछ करने पर उन्होंने क्रिकेट सट्टा लगाने की बात कबूल की।
करोड़ों का खेल और डिजिटल नेटवर्क -
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अनिल कुमार जाट पुत्र अमरचंद (33) निवासी डाबली की ढाणी, जिला चूरू, जितेंद्र जाट पुत्र रामचन्द्र (33) निवासी बिबासर, झुंझुनू और इंतजार अली पुत्र एजाज अली (34) निवासी क्यामसर, झुंझुनू के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से एक लैपटॉप, चार्जर, कुल 29 मोबाइल, दो कैलकुलेटर, दो एलईडी टीवी, एक स्पीकर मय चार्जर, एक वाईफाई राउटर, दस लाइनदार रजिस्टर, पांच डायरी, एक पेन, एक बिजली का बोर्ड और आठ मोबाइल चार्जर बरामद किए हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने किया खुलासा -
वे ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा लगाने के लिए 'जूम ऐप' का उपयोग करते थे और यह ऐप वाईफाई राउटर के माध्यम से संचालित होता था, जिसमें सिम कार्ड की आवश्यकता नहीं होती थी। यह मोडस ऑपरेंडी सटोरियों द्वारा पकड़े जाने से बचने और अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। जब्त किए गए दस्तावेजों और उपकरणों से पुलिस को लगभग 3 करोड़ रुपये के सट्टे के लेन-देन का हिसाब मिला है, जो इस रैकेट की व्यापकता को दर्शाता है।
आपराधिक इतिहास -
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जुआ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। जांच में सामने आया है कि आरोपी अनिल कुमार के खिलाफ वर्ष 2015 में भी हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है, जबकि जितेंद्र के खिलाफ वर्ष 2014 में जयपुर में मारपीट और छेड़छाड़ का मामला दर्ज है। इंतजार अली का फिलहाल कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है.
इस सफल ऑपरेशन में थाना कोतवाली से थानाधिकारी हरजिंदर सिंह, एसआई प्यारे लाल, कांस्टेबल महेंद्र, पवन व ओमपाल, एजीटीएफ से हेड कांस्टेबल विक्रम सिंह, कांस्टेबल सुरेंद्र, अंकित, विक्रम और क्यूआरटी से कांस्टेबल नेमीचंद, ओम प्रकाश, रतन लाल व कानजी मीना शामिल थे। एजीटीएफ के कांस्टेबल सुरेंद्र में विक्रम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
झुंझुनू पुलिस की यह कार्यवाही ऑनलाइन सट्टेबाजी के बढ़ते खतरे के खिलाफ एक बड़ी जीत है और यह संदेश देती है कि ऐसे अवैध धंधों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अब इस रैकेट के अन्य सदस्यों और इसके पीछे के बड़े सिंडिकेट का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।