खींवसर सीट को छोड़कर इन सीटों पर पिछली बार की तुलना में कम हुआ मतदान, सबसे ज्यादा खींवसर तो सबसे कम दौसा सीट पर मतदान
Thursday, Nov 14, 2024-03:44 PM (IST)
जयपुर, 14 नवंबर 2024 । आखिरकार राजस्थान विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर मतदान बुधवार को संपन्न हो गया है । हालांकि प्रदेश की सात सीटों में से झूंझुनूं और देवली उनियारा सीट को छोड़कर दौसा, रामगढ़, खींवसर, सलूंबर और चौरासी में मतदान शांतिपूर्ण रहा । जबकि झूंझुनूं और देवली उनियारा सीट पर मतदान के दौरान मारपीट के मामले सामने आए । देवली उनियारा सीट पर नरेश मीणा ने मतदान के दौरान एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया, जिसके बाद कई जगह तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई, तो झुंझुनूं सीट पर कलां गांव में फर्जी वोटिंग को लेकर हुए विवाद में मारपीट हुई। वहीं अब सातों सीटों पर मतदान प्रतिशत की बात की जाए तो इन सीटों पर मतदान का कुल प्रतिशत 69.29% रहा । खींवसर में सबसे ज्यादा 75.62 प्रतिशत, जबकि सबसे कम दौसा में 62.10 प्रतिशत वोटिंग हुई। इसके अलावा रामगढ़ में 75.27%, झुंझुनूं में 65.80%, देवली-उनियारा में 65.10%, सलूंबर में 67.01% और चौरासी में 74.10% वोटिंग हुई है। इन सातों विधानसभा सीटों पर कुल 69 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं ।
सात में से 6 सीटों पर गिरा मतदान प्रतिशत
हालांकि इस बार वोटर्स बढ़ने के बावजूद भी सात सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए वोटिंग प्रतिशत ने हर किसी को चौंका दिया है । इनमें पिछले 2023 में हुए विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार खींवसर को छोड़कर 6 सीटों पर मतदान प्रतिशत गिर गया है । बता दें कि इन सात सीटों पर हुए उपचुनावों में सबसे ज्यादा 75 से अधिक मतदान खींवसर और रामगढ़ सीट पर हुआ है । हनुमान बेनीवाल का गढ़ कही जाने वाली खींवसर विधानसभा सीट में विधानसभा चुनाव 2023 की तुलना में इस बार 2.13 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है । जबकि दौसा सीट पर पिछली बार की तुलना में इन उपचुनावों में मतदान का प्रतिशत गिर गया है । दौसा सीट पर इस बार पिछली बार की तुलना में 12.10 फीसदी वोटिंग कम हुई है । हालांकि इन उपचुनावों में वोटिंग प्रतिशत गिरने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं । आपको बता दें कि प्रदेश की 7 सीटों में खींवसर में सबसे ज्यादा 75.62 फीसदी तो रामगढ़ में 75.27 फीसदी वोटिंग हुई है, जबकि दौसा में सबसे कम 62.10% वोटिंग हुई है। झुंझुनूं में 65.80 प्रतिशत, देवली-उनियारा में 65.10% सलूंबर में 67.01 % और चौरासी में 74.10 वोटिंग हुई है।
ये विधानसभा उपचुनाव भाजपा के लिए बने बड़ी परीक्षा
हालांकि इस उपचुनाव में कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव के परिणामों को दोहराने का दबाव साफ तौर पर नजर आ रहा है । वहीं क्षेत्रीय दल के तौर पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी के लिए अपना सियासी वजूद बचाने की लड़ाई है । लेकिन सबसे बड़ी परीक्षा भाजपा के लिए है, क्योंकि 10 महीने पुरानी राजस्थान की भजनलाल सरकार के लिए ये उपचुनाव लिटमस टेस्ट की तरह है । इसकी वजह बिलकुल साफ है, इन सात सीटों में से केवल एक सीट भाजपा के पास थी, इसी कारण सीएम ने प्रचार के दौरान खुद कमान संभाले रखी ।
बड़ने नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
गौरतलब है कि इस उपचुनाव में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है । दौसा विधानसभा सीट किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट की वजह से हॉट सीट बन गई है । बीजेपी सरकार से मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा चुनावी मैदान में हैं, तो पायलट परिवार के नजदीकी माने जाने वाले दीनदयाल बैरवा कांग्रेस के उम्मीदवार हैं । साथ ही खींवसर विधानसभा सीट पर भी सबकी नजरें हैं । यहां आरएलपी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल चुनावी मैदान में हैं । तो वहीं आदिवासी बेल्ट की चौरासी सीट में भी तेजी से उभरने वाली भारत आदिवासी पार्टी के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती है ।