Rajasthan: बर्खास्त MLA कंवरलाल मीणा को मिलेगी राज्यपाल की माफ़ी ! जूली बोले- यह विशेषाधिकार सिर्फ BJP के लिए
Friday, Jun 27, 2025-03:15 PM (IST)

राजस्थान समाचार: बर्खास्त विधायक कंवरलाल मीणा की दया याचिका पर राय मांगी, विपक्ष ने BJP पर साधा निशाना
झालावाड़ के मनोहरथाना में वर्ष 2005 में SDM पर पिस्तौल तानने और प्रशासनिक अधिकारी का कैमरा तोड़ने के मामले में सजा प्राप्त कर चुके बर्खास्त भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की दया याचिका राज्यपाल के समक्ष विचाराधीन है। इसी याचिका के संबंध में झालावाड़ पुलिस अधीक्षक ने मनोहरथाना और अकलेरा थानों से औपचारिक राय मांगी है।
इस संबंध में SP कार्यालय द्वारा संबंधित थानों को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिस पर कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री टीकाराम जूली ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बर्खास्त विधायक को बचाने के प्रयास में लगी हुई है।
"सजा माफी का रास्ता तैयार किया जा रहा है"
टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पिछले कुछ दिनों से लोकतंत्र के रक्षक बनने का ढोंग करने वाली भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है। SDM पर पिस्तौल तानने वाले सजायाफ्ता विधायक कंवरलाल मीणा के लिए अब सजा माफी का रास्ता तैयार किया जा रहा है। क्या आम आदमी को भी इस प्रकार माफी मिलती है, या यह विशेषाधिकार केवल भाजपाइयों के लिए आरक्षित है?”
"लोकतंत्र और संविधान से भरोसा उठ चुका है"
जूली ने आगे कहा, “अदालत से सजा प्राप्त व्यक्ति के लिए इस प्रकार की प्रक्रिया शुरू करना लोकतंत्र की हत्या के समान है। पहले सदस्यता रद्द करने में देरी की गई और अब दया याचिका की प्रक्रिया, यह दर्शाता है कि भाजपा अब एक देश में दो कानून चलाना चाहती है – एक अपने लोगों के लिए और दूसरा आम जनता के लिए।”
उनकी इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और मामला अब जनचर्चा का विषय बन चुका है।
क्या था मामला?
3 फरवरी 2005 को झालावाड़ जिले के मनोहरथाना कस्बे में दांगीपुरा-राजगढ़ मोड़ पर ग्रामीणों ने उपसरपंच चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए रास्ता जाम कर दिया था। सूचना पर तत्कालीन SDM रामनिवास मेहता, प्रोबेशनर IAS डॉ. प्रीतम बी. यशवंत और तहसीलदार रामकुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास करने लगे।
इसी दौरान कंवरलाल मीणा अपने समर्थकों के साथ पहुंचा और SDM मेहता की कनपटी पर पिस्तौल तान दी। उसने धमकी दी कि यदि दो मिनट में वोटों की पुनर्गणना की घोषणा नहीं की गई, तो वह जान से मार देगा। हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने उसे शांत कराया। इसके बाद कंवरलाल ने सरकारी वीडियोग्राफर का कैसेट निकालकर तोड़ दिया और प्रोबेशनर अधिकारी का डिजिटल कैमरा भी छीन लिया।
इस गंभीर मामले में ट्रायल कोर्ट ने कंवरलाल को तीन साल की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली, जिसके बाद उसने राज्यपाल के समक्ष दया याचिका दायर की।