भीलवाड़ा मास्टर प्लान 2035 पर विवाद गहराया: 12 गांवों की जमीन अधिग्रहण प्रस्तावित, किसानों को नहीं जानकारी

Sunday, Jul 20, 2025-04:59 PM (IST)

भीलवाड़ा में नगर विकास न्यास (यूआईटी) द्वारा प्रस्तावित मास्टर प्लान-2035 को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस प्लान के तहत शहर से सटे 12 गांवों की जमीन आवासीय योजना के लिए अधिग्रहित की जानी है, लेकिन स्थानीय किसानों को इस बारे में स्पष्ट जानकारी तक नहीं दी गई है।  प्रस्तावित बदलावों में इन गांवों के आबादी क्षेत्र में फेरबदल किया गया है। किसानों का कहना है कि न तो उन्हें यह बताया गया है कि उनकी कितनी जमीन जाएगी और न ही आराजी नंबर ही किसी दस्तावेज़ या नक्शे में दर्शाए गए हैं। यूआईटी ने प्लान में बदलाव को लेकर ऑनलाइन आपत्तियां मांगी हैं, लेकिन ड्राइंग (नक्शा) में गंभीर खामियां सामने आई हैं। 

ऐसे समझें मामला: 

2005 में भीलवाड़ा शहर और आसपास के गांवों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया था, जिसे 2016 में राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी। अब इस मास्टर प्लान में बदलाव कर 2035 की योजना के तहत नए क्षेत्र जोड़े जा रहे हैं। प्रभावित गांवों में पालड़ी, इंद्रपुरा, तेली खेड़ा, गोविंद पूरा, देवखेड़ी, आरजिया, जाटों का खेड़ा, सालरिया, तस्वारिया, केसरपुरा और सांगानेर शामिल हैं। 

12 साल से मुआवजे का इंतजार 

विधिक सलाहकार राजकुमार टेलर ने बताया कि 12 साल पहले आपसी सहमति से ली गई जमीन का मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिला है। किसान जयपुर और भीलवाड़ा के चक्कर काटकर थक चुके हैं और खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं 

प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन ने भी उठाई आवाज़ 

प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन ने भी मास्टर प्लान में प्रस्तावित बदलावों पर नाराजगी जताई है। एसोसिएशन के विधि प्रभारी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने सरकारी नियमों को दरकिनार कर भीलवाड़ा के 50 साल की विकास योजना के साथ छेड़छाड़ की है। 

यूआईटी का पक्ष  

मामले में नगर नियोजक ने सफाई देते हुए कहा, "अगर किसी को आपत्ति है तो वह दर्ज करवा सकता है, हमने इसके लिए कमेटी बना दी है। प्लान में आराजी नंबर नहीं दर्शाए जाते, यह प्राइवेट लेवल के नक्शों में होता है।" 

 


Content Editor

Raunak Pareek

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