भारतीय सेना को मिली अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स की खेप, जोधपुर में होगी तैनाती
Tuesday, Jul 22, 2025-03:35 PM (IST)

जोधपुर : लगभग एक साल की देरी के बाद भारतीय थल सेना को अमेरिका से तीन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स की पहली खेप सोमवार को प्राप्त हो गई है। ये घातक हेलीकॉप्टर हिंडन एयरबेस पर अमेरिकी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए पहुंचाए गए। ये हेलीकॉप्टर्स भारतीय सेना की मारक और टोही क्षमताओं को नए आयाम देंगे।
जोधपुर में होगी तैनाती, पाकिस्तान बॉर्डर पर नजर
सेना सूत्रों के अनुसार, इन हेलीकॉप्टर्स को पश्चिमी सीमा, खासकर पाकिस्तान से सटे इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार रखा जाएगा। इनकी स्थायी तैनाती जोधपुर में की जाएगी, जहां से इनका संचालन किया जाएगा।
वायुसेना के बाद अब थल सेना के बेड़े में शामिल
इससे पहले भारतीय वायुसेना के पास पहले ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर थे, जो साल 2015 में अमेरिका की बोइंग कंपनी और अमेरिकी सरकार के साथ हुए सौदे के तहत खरीदे गए थे। अब भारतीय थल सेना को भी इन अत्याधुनिक अटैक हेलीकॉप्टर्स की ताकत मिलने जा रही है।
अपाचे हेलीकॉप्टर की विशेषताएं
नाइट विज़न और ऑल-वेदर टारगेटिंग सिस्टम
इन हेलीकॉप्टर्स में अत्याधुनिक नाइट विज़न नेविगेशन सिस्टम और टारगेट एक्विजिशन तकनीक मौजूद है, जो दिन-रात और हर मौसम में दुश्मन को सटीक निशाना बनाने में सक्षम बनाते हैं।
हथियार प्रणाली
हेलफायर मिसाइल सिस्टम: टैंक और बख्तरबंद वाहनों को निशाना बनाने में सक्षम
लेजर-गाइडेड मिसाइलें
स्ट्रिंगर मिसाइल: हवा से हवा में मार करने की क्षमता
तकनीकी क्षमताएं
अधिकतम गति: लगभग 300 किमी प्रति घंटा
ऑपरेशनल रेंज: करीब 480-500 किमी
उड़ान समय: एक बार में लगभग साढ़े तीन घंटे की उड़ान क्षमता
कम्युनिकेशन व सेंसर सिस्टम: आधुनिक युद्ध संचार और सेंसर प्रणाली से लैस
युद्ध में बदलेंगे समीकरण
थल सेना में अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती से भारतीय सेना को युद्धक्षेत्र में तेजी से और प्रभावी तरीके से हमला करने की ताकत मिलेगी। ये हेलीकॉप्टर्स दुश्मन के बंकर, टैंक और अन्य सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिनटों में तबाह करने की क्षमता रखते हैं।
पहले से ऑपरेशनल हैं वायुसेना की दो स्क्वाड्रन
भारतीय वायुसेना की दो अपाचे स्क्वाड्रन पहले से ही ऑपरेशनल हैं—एक पठानकोट में और दूसरी असम के जोरहाट में।
अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स की पहली खेप के साथ ही भारतीय थल सेना की ताकत को बड़ा बूस्ट मिला है। जोधपुर जैसे रणनीतिक ठिकाने पर इनकी तैनाती से पश्चिमी सीमा पर भारत की सैन्य तैयारियों में जबरदस्त मजबूती आएगी।