चाकसू में स्कूल के बच्चों से धुलवाए जूठे बर्तन! प्रिंसिपल ने दिया हैरान करने वाला जवाब

Thursday, Nov 20, 2025-07:18 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर करने वाली एक और शर्मनाक तस्वीर सामने आई है, जिसके तहत एक आदर्श विद्यालय के प्रिंसिपल ने बच्चों से काम करवाने की बात को न केवल स्वीकार किया, बल्कि उसे सही भी ठहराया गया. 

 

दरअसल यह मामला जयपुर ग्रामीण के चाकसू स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चाकसू नंबर 1 का है। यहां पर नन्हे छात्र-छात्राएं किताबों की जगह जूठे बर्तन धोते हुए पाए गए, लेकिन जब इस पर सवाल किया गया, तो प्रधानाध्यापक का जवाब हैरान करने वाला था.

 

मीडिया की तरफ से जब स्कूल के प्रिंसिपल अनवर अली से बात की और उनसे पूछा कि क्या पढ़ने आने वाले बच्चों से बर्तन धुलवाना सही है, तो उनका जवाब शिक्षा व्यवस्था की हकीकत बयां करने वाला था. इसको लेकर अनवर अली ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महिला की तबियत खराब थी और वो दो दिनों से स्कूल नहीं आई थी. बच्चे केवल पाइप से पानी डाल रहे थे. बर्तन नहीं मांज रहे थे. जब उनसें पूछा गया कि स्कूल में बच्चे पढ़ने आते है या बर्तन धोने तो उनका जवाब बेहद अजीबोगरीब था. प्रिंसिपल ने कहा कि कोई तो करेगा ना काम. हम भी पानी डालते रहते हैं पाइप से. लंच पीरियड में होता है, काम पूरे दिन में नहीं होता है.

 

आपको बता दें कि यह पूरा मामला तब सामने आया जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आदर्श विद्यालय के परिसर में छोटे बच्चों के हाथों में जूठे बर्तन दिखाई दिए. ये बर्तन मिड-डे मील के बाद के थे. ऐसे में जिस संस्थान को ज्ञान का मंदिर माना जाता है, वहां बच्चे शिक्षा लेने के बजाय श्रम करते नजर आए. सरकारें जिस विद्यालय को आदर्श मानती हैं, वहां बाल श्रम जैसी स्थिति देखना, सरकारी दावों की पोल खोलता है. यह घटना बाल श्रम कानूनों का सीधा उल्लंघन है.

 

ऐसे में अब देखना ये है कि आखिर शिक्षा विभाग इस घटना को लेकर क्या एक्शन लेता है तब तक के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ. धन्यवाद।


Content Editor

Anil Jangid

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