झालावाड़ में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम पर दो गुटों की भिड़ंत, राजकुमार रौट के मंच में पथराव, पुलिस मोर्चा संभाले

Sunday, Aug 03, 2025-05:16 PM (IST)

झालावाड़ में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम पर दो गुटों की भिड़ंत, राजकुमार रौट के मंच में पथराव, पुलिस मोर्चा संभाले
झालावाड़, 3 अगस्त 2025 – राज्यसभा सांसद राजकुमार रोत (Bharat Adivasi Party, बांसवाड़ा–डूंगरपुर) द्वारा आयोजित विश्व आदिवासी दिवस समारोह में विवाद हो गया। दो अलग भील‑समाज के गुटों के बीच झड़प के चलते कार्यक्रम तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया।

अंतरंग कारण
समारोह में बड़ी संख्या में भील समाज के लोग शामिल थे, लेकिन कुछ नेताओं द्वारा रोत की आरक्षण संबंधी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई गई। इस विरोध के बीच एक गुट के युवा नेता अरविंद भील को जब पुलिस दर्जी से कार्यक्रम स्थल से बाहर ले जा रही थी, तभी समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी बहस हो गई। इसी दौरान पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने स्थितियों को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, लेकिन अफरा‑तफरी और ब्लॉक जाम तक की स्थिति बनी रही।

पथराव और पुलिस प्रतिक्रिया
मोर्चा जवाबी कार्रवाई करते हुए पथ्थरबाज़ी रोकने की कोशिश में लगी रही। भीड़ का मूड अचानक बिगड़ गया और कई स्थानों पर पुलिस कर्मियों को चोट भी आई। घटना के बाद कुछ लोगों की पहचान कर गिरफ्तारियाँ हुईं, जबकि तत्काल निपटान के लिए अतिरिक्त ज़ाब्ता तैनात किया गया।

शोर‑शराबे के बीच राजनीतिक बयान
इस घटना पर सांसद रोत ने बीजेपी पर राजनीतिक बढ़त पाने का आरोप लगाया और कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे उनकी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया गया था। हालांकि कार्यक्रम पूर्ण रूप से स्थगित नहीं हुआ, लेकिन आयोजकों ने बैठक स्थल से दूरी बना ली।

पिपलोदी स्कूल हादसे को लेकर बढ़ता प्रदर्शन
ताज़ा हादसे की पृष्ठभूमि में इस आयोजन को लेकर एक गुट की नाराज़गी और तेज़ हुई: हाल ही में झालावाड़ के मनोहरतहसील के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मृत्यु हुई थी। वहीं ग्रामीणों ने मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और 10 बीघा जमीन देने की मांग पेश की।

आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच के लिए एफआईआर दर्ज कराई है, और जिला प्रशासन ने तीन‑चार पुलिस टीमों को घटनास्थल के आसपास तैनात कर दिया है। जिस भील गुट का नेतृत्व अरविंद भील कर रहे थे, उनके सोशल मीडिया हुए संदेशों में कहा गया है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाएंगे, लेकिन यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो गहरी आक्रोश जताएँवाल हैं।


Content Editor

Shruti Jha

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