राजस्थान की घुमंतू जाति आवास योजना की पूरे देश में सराहना, उत्तर प्रदेश भी लाएगा नई योजना

Wednesday, Aug 27, 2025-06:16 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा पिछले डेढ़ वर्ष में प्रदेश के घुमंतू जाति के परिवारों को स्थाई आवास उपलब्ध कराने के लिए 21 हजार निशुल्क आवासीय पट्टे दिए गए है। राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने घुमंतू जाति के कल्याण के लिए इस तरह की योजना लागू की है।  राजस्थान सरकार से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश सरकार भी इसी तरह की योजना लाने पर विचार कर रही है ताकि आवास विहीन घुमंतू जाति के लोगों को रहने के लिए स्थाई ठिकाना उपलब्ध कराया जा सके।  राजस्थान में संचालित योजना का अध्ययन करने के लिए गत दिनों उत्तर प्रदेश सरकार की समाज कल्याण अधिकारी प्राची जोशी ने जयपुर आकर शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर तथा पंचायतीराज विभाग के अन्य उच्च अधिकारियों से भेंट की तथा योजना को लेकर विस्तार से चर्चा की।

मदन दिलावर ने अधिकारियों को बताया कि राजस्थान में विमुक्त और घुमंतू जन जातियों की कुल अनुमानित आबादी 50 लाख है। यानी 10 से 15 लाख परिवार इन जन जातियों के राजस्थान में रहते है। इनके कल्याण के लिए राज्य सरकार ने गंभीर प्रयास किए है। अभी तक 21 हजार परिवारों को प्रदेश सरकार निशुल्क आवासीय भूखंड के पट्टे दे चुकी है। ये कार्य निरंतर जारी है। वर्तमान में सरकार ने 25 हजार पट्टे देने की घोषणा की है। परंतु सरकार सभी आवास विहीन घुमंतू जाति के लोगों को चिन्हित कर पट्टे देना चाहती है। 

पहचान प्रमाण पत्र नहीं होना सबसे बड़ी बाधा
मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि इनके कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा इनकी पहचान और प्रमाण पत्र जैसे जाति, निवास,आधार कार्ड नहीं होना है। सरकार ने इसके लिए सर्वे भी करवाया है। सन 2008 में भी इनका सर्वे करवाया गया था। इनको जागरूक करने के लिए घुमंतू ब्रांड एम्बेसडर बनाए है। जो जिलेवार घुमंतू जाति के लोगों से जनसंवाद कार्यक्रम कर उन्हें जागरूक कर रहे है। इसके अलावा चारागाह भूमि पर अतिक्रमण और आबादी विस्तार भी समस्या है। प्रशासनिक स्तर पर इनकी समस्या को दूर करने के लिए पंचायती राज विभाग में विशेष सेल भी बनाया हुआ है। 

शिक्षा से जोड़ने के लिए मोबाइल स्कूल मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि केवल आवासीय भूखंड ही नहीं अपितु इनके कल्याण के  लिए राज्य सरकार अन्य अनेक योजनाएं संचालित कर रही है जिनमें दादू दयाल सशक्तिकरण योजना शामिल है। जिसमे 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। योजना का मुख्य मकसद इन जातियों का सामाजिक और आर्थिक विकास है।  इसके अलावा शिक्षा विभाग के माध्यम से इनके बच्चों के लिए प्री- मेट्रिक और पोस्ट- मीट्रिक छात्रवृति योजनाएं संचालित है। साथ ही आवासीय विद्यालय और छात्रावास योजना भी संचालित की जा रही है। इन जातियों के सभी बच्चों का स्कूल में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल स्कूल शुरू करने की योजना है,ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे। 

चिकित्सा विभाग द्वारा इनको आयुष्मान भारत योजना/ मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना का भी लाभ दिया जा रहा है।  रोजगार उपलब्ध करने के लिए राजस्थान ग्रामीण आजीविका मिशन एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना मे भी इनको लाभ दिया जा रहा है। योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और मूल्यांकन करने के लिए विभाग ने नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए है। साथ ही नियमित बैठके आयोजित कर इन लोगों से सीधा फीडबैक भी लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार भी घुमंतू जाति के लोगों को निशुल्क आवासीय पट्टे देने की इच्छुक उत्तर प्रदेश से आई समाज कल्याण अधिकार प्राची जोशी ने मंत्री मदन दिलावर को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राजस्थान की तरह उत्तर प्रदेश में रह रहे घुमंतू जाति के लोगों को आवासीय भूखंड देना चाहते है। इसके लिए राजस्थान सरकार की योजना का अध्यन करने जयपुर आए है। राजस्थान की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी योजना लाई जाएगी।

भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष भी कर चुके है तारीफ शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष भी राजस्थान सरकार की घुमंतू जाति को आवासीय भूखंड का पट्टा देने की योजना की तारीफ कर चुके है।  मदन दिलावर अगस्त माह के प्रारंभ में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बुलावे पर दिल्ली गए थे तब उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष से शिष्टाचार भेट की थी तब संतोष ने दिलावर को इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बधाई देते हुए राजस्थान की तारीफ की थी और अन्य राज्यों को भी राजस्थान से प्रेरणा लेकर इसी तरह की योजना बना कर घुमंतू जाति के लोगों को लाभ पहुंचाने की वकालत की थी।


Content Editor

Kuldeep Kundara

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