कोचिंग एक्ट पर फिर नज़रअंदाज़ हुए अभिभावक, संघ ने दी जनांदोलन की चेतावनी

Wednesday, Aug 20, 2025-03:35 PM (IST)

जयपुर। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को कैसे लचर बनाया जा सकता है अभिभावकों को कैसे लाचार बनाया जा सकता है इसका जीता जागता उदाहरण है " कोचिंग रेगुलेटरी एक्ट " जो प्रवर समिति के पास है इस एक्ट को लेकर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा सहित 15 मंत्री विधायक सभी से सुझाव, प्रस्ताव लेकर अंतिम रूप देंगे जिसके बाद इसे पुनः विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। इस एक्ट को लेकर सोमवार को दोपहर 2.45 बजे बैठक भी सम्पन्न हो चुकी है जिसमें प्राइवेट स्कूल संचालक, प्राइवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) सहित एलन कोचिंग, सीएलसी, उत्कर्ष कोचिंग, स्प्रिंग बोर्ड के संचालकों तक को आमंत्रित किया गया। जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि " कोचिंग रेगुलेटरी एक्ट आख़िरकार किसके लिए लेकर आया जा रहा है कोचिंग संचालकों को बचाने के लिए या अभिभावकों और विद्यार्थियों की सुरक्षा, संरक्षण के लिए, जिस प्रकार से राज्य सरकार अभिभावकों को नजरअंदाज कर कोचिंग रेगुलेटरी एक्ट को लागू करने के सपने संजो रही है उन सपनों का ना केवल अभिभावक बल्कि विद्यार्थी भी विरोध करेंगे क्योंकि जिन कारणों और जिन लोगों की वजह से यह एक्ट लेकर आया जा रहा है उन कारणों और लोगों को तो चर्चा और सुझावों में शामिल ही नहीं किया जा रहा है, जो लोग शिक्षा के नाम कर धंधा कर रहे, अभिभावकों को लूट रहे है विद्यार्थियों को आत्महत्या के लिए उकसा रहे है उन लोगों को सम्मान के साथ राज्य सरकार बैठकों में शामिल कर रही है, किंतु अभिभावकों से कोई सुझाव ही नहीं लिए जा रहे है जो ना केवल लुट रहे बल्कि उनके परिवार तक उजड़ रहे है जिसके बदले में अभिभावकों को मिल क्या रहा है केवल सजा। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को संपर्क पोर्टल के माध्यम से पत्र लिखकर एक्ट में अभिभावकों के पक्ष को शामिल करने की मांग भी की गई है।

संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों के आगे ना केवल घुटने टेक दिए है बल्कि वह पूरी तरह से नसमस्तक हो चुकी है इसलिए राज्य की हर स्तर की शिक्षा व्यवस्था में खुलेआम अभिभावकों और विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ हो रहा है सेंटरों में पढ़ने वाले विद्यार्थी आत्महत्या कर रहे है, सेंटरों के संचालक मनमाने तरीके से अभिभावकों खुलेआम लुट रहे है जो बेहद निंदनीय कृत्य है, अभी जानकारी मिली है कि जो एक्ट लेकर आया जा रहा है उसमें जिस सेंटर पर 250 से अधिक विद्यार्थी होने वही कानून के दायरे में आएगा और छोटे कोचिंग सेंटर उससे मुक्त रहेंगे, अगर ऐसा है तो कानून लेकर ही क्यों आया जा रहा है, कानून जब एकल अभिभावक पर लागू हो सकता है तो प्रत्येक छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर पर क्यों लागू नहीं हो सकता है। राज्य सरकार के अनुसार कोचिंग रेगुलेटरी एक्ट तो कोचिंग संस्थानों को खुलेआम पैसा लेकर बच्चों को मारने की आजादी दे रहा है जिसका संयुक्त अभिभावक संघ ही नहीं बल्कि राज्य का प्रत्येक नागरिक और अभिभावक पुरजोर विरोध करता है बिना अभिभावकों की सहमति और सुझावों के एक्ट थोपा गया तो राज्य सरकार और निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ जनांदोलन चलाया जाएगा। 
 


Content Editor

Kuldeep Kundara

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