नीरजा मोदी स्कूल की CBSE मान्यता रद्द, संयुक्त अभिभावक संघ ने पटाखे फोड़ मनाया जश्न
Wednesday, Dec 31, 2025-05:58 PM (IST)
जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल, जयपुर के विरुद्ध केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा विद्यालय की संबद्धता तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाने का आदेश प्रदेश के जागरूक अभिभावकों की एकजुटता, निरंतर संघर्ष और सत्य की ऐतिहासिक जीत है। यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि जब अभिभावक बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए संगठित होकर आवाज़ उठाते हैं, तो कितनी भी प्रभावशाली व्यवस्थाएं क्यों न हों, उन्हें जवाबदेह होना ही पड़ता है।
सीबीएसई बोर्ड के मंगलवार को जारी आदेश के बाद बुधवार दोपहर 2:30 बजे संयुक्त अभिभावक संघ के आह्वान पर बड़ी संख्या में अभिभावक नीरजा मोदी स्कूल के गेट नंबर 6 पर एकत्र हुए। इस दौरान अभिभावकों ने पटाखे फोड़कर सीबीएसई के निर्णय का स्वागत किया तथा नन्ही अमायरा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर “साल गया—बुराई गई”, “रावण का घमंड टूट सकता है, यह तो नीरजा मोदी है”, “अभिभावक एकजुटता जिंदाबाद” जैसे गगनभेदी नारे लगाए गए।
कार्यक्रम में संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री संजय अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, ऋषि बंसल, काउंसलर देवेंद्र जोशी, रिंकू शर्मा, इमरान कुरैशी, धीरज जैन, लोकेश शर्मा, रेखा शर्मा सहित बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।
संयुक्त अभिभावक संघ ने दावा किया कि सीबीएसई बोर्ड के समक्ष रखी गई सभी प्रमुख मांगों को बोर्ड ने अपने आदेश में शामिल किया है। आदेश में विद्यालय की बाल सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी, एंटी-बुलिंग व्यवस्था की विफलता, काउंसलिंग सिस्टम की कमी, CCTV निगरानी में लापरवाही, स्टाफ की असंवेदनशीलता तथा साक्ष्य संरक्षण में चूक को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। सीबीएसई बोर्ड ने यह भी माना है कि यदि विद्यालय प्रबंधन समय रहते आवश्यक कदम उठाता, तो यह घटना पूरी तरह रोकी जा सकती थी।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू का बयान— “यह निर्णय केवल एक स्कूल पर कार्रवाई नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के निजी स्कूलों के लिए एक सख्त चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नीरजा मोदी स्कूल प्रकरण में अभिभावकों की पीड़ा को दबाने, सच को छिपाने और प्रभाव का दुरुपयोग करने के प्रयास किए गए, लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई। यह फैसला वर्षों से निजी स्कूलों की मनमानी झेल रहे अभिभावकों के लिए न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है।”
उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त अभिभावक संघ इस निर्णय को अभिभावक आंदोलन की निर्णायक सफलता मानता है और प्रदेश के प्रत्येक जिले में बाल सुरक्षा को लेकर सख्त निगरानी और कार्रवाई की मांग करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल का बयान— “सीबीएसई बोर्ड का यह आदेश सिद्ध करता है कि अभिभावकों की एकजुटता किसी भी बड़े और रसूखदार संस्थान को जवाबदेह बना सकती है। यह अत्यंत दुखद है कि एक मासूम बच्ची को अपनी जान गंवानी पड़ी, लेकिन अब यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में किसी भी विद्यालय में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए।”
उन्होंने मांग की कि—
प्रदेश के सभी CBSE एवं अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों का विशेष सुरक्षा ऑडिट कराया जाए,
प्रत्येक विद्यालय में एंटी-बुलिंग, काउंसलिंग एवं चाइल्ड प्रोटेक्शन सिस्टम की वास्तविक स्थिति की जांच हो, तथा लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व संस्थानों की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाए।
संयुक्त अभिभावक संघ ने चेतावनी दी कि यदि इस आदेश के बाद भी प्रदेश में बाल सुरक्षा मानकों के साथ खिलवाड़ जारी रहा, तो संघ प्रदेशव्यापी आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा। “स्कूल शिक्षा का मंदिर है, प्रयोगशाला नहीं — बच्चों की जान की कीमत पर कोई समझौता नहीं होगा।”
