Rajasthan समेत 12 राज्यों में SIR शुरू, जानिए कैसे जुड़वा सकेंगे अपना नाम

Tuesday, Oct 28, 2025-03:15 PM (IST)

जयपुर। भारतीय निर्वाचन आयोग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का एसआईआर यानि विशेष गहन पुनरीक्षण कर रहा है। नौ राज्यों छत्तीसगढ़, गोवा, मुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और 3 पूरी अंडमान-निकोबार द्वीप समूह लक्षद्वीप व पुडुचेरी में नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर पर जाएंगे। 9 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी। फाइनल लिस्ट 7 फरवरी को जारी होगी, जिसमें 51 करोड़ मतदाता कवर होंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को यह घोषणा की। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर एसआईआर क्या है और इसमें नाम जुड़वाने के लिए क्या प्रोसेस है और आपको किन किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी..

 

आपको बता दें कि बिहार के बाद यह एसआई का दूसरा चरण है। इसका उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों को वोटर लिस्ट से हटाना है। इसके लिए जन्म स्थान जांचा जाएगा। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि एसआईआर के पहले चरण में बिहार में एक भी अपील नहीं आई। इस कवायद का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र मतदाता सूची में न हो। कई राज्यों के सीईओ ने वेबसाइट पर पिछले एसआईआर की वोटर लिस्ट अपडेट कर दी है। राज्यों के आखिरी एसआईआर कट-ऑफ माने जाएंगे। बिहार में 2003 की मतदाता सूची आधार बनी थी। अधिकांश राज्यों में आखिरी एसआईआर 2002 से 2004 के बीच हुआ था। बिहार में एमआईआर से पहले 7.99 करोड़ बोटर थे। 68 लाख से ज्यादा नाम कटे। 21.53 लाख नए नाम जोड़े गए। इस प्रक्रिया के बाद बिहार में कुल मतदाता 7.42 करोड़ रह गए।

 

एसआईआर का मतलब है मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण। जिसके तहत मृत, स्थानांतरित और डुप्लीकेट वोटर हटाए जाएंगे। नए योग्य मतदाता जुड़ेंगे। आजादी के बाद यह नौवां अभियान है। पिछला एसआईआर 2002 से 2004 के बीच हुआ था।

 

एसआईआर की यह प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके तहत 4 नवंबर से दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे। दिसंबर को ट्रष्ट वोटर लिस्ट जारी होगी। 5 जनवरी, 2025 तक दावे-आपतियां कर सकेंगे। दिसंबर से 31 जनवरी 2025 तक नोटिस-सुनवाई प्रक्रिया चलेगी। फरवरी 2028 को अंतिम वोटर लिस्ट आएगी।

 

आपको बता दें कि 12 राज्यों में 27 अक्टूबर को वोटर लिस्ट फ्रीज हो गई। इसी आधार पर ईएफ छपेंगे जिन्हें बीएलओ घर जाकर देंगे। आपको इसमें अपनी जन्मतिथि, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, माता-पिता और जीवन साथी का नाम और इपिक नंबर भरना होगा। पिछले एसआईआर के डेटा से मिलान या लिंकिंग में बीएलओ मदद करेंगे। डेटा लिंक https//voters.eci.gov.in पर उपलब्ध है।

 

सबसे पहले आपको सिर्फ ईएफ भारना है। पिछले एमआईआर से मिलान होने पर कोई दस्तावेज नहीं देने होंगे। अगर पिछले एसआईआर में नाम नहीं है तो ईआरओ सूचित करेंगे। 12 दस्तावेजों में से कोई एक देना होगा जिनमें आधार कार्ड केंद्र राज्य सरकार या पीएसयू का पहचान पत्र या पीपीओ 1 जुलाई, 1987 से पहले सरकार, स्थानीय प्राधिकरण बैंक, डाक घर, एलआईसी, पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी पहचान पत्र, प्रमाणपत्र या दस्तावेज जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, मैट्रिक का प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण ओबीसी एससी/एसटी या कोई जाति प्रमाणपत्र, एनआरसी राज्य या स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर, सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र आदि शामिल है।

 

आपको बता दें कि एसआईआर को लेकर बीएलओ कम से कम तीन बार हर वोटर के घर जाएंगे। अगर कोई सदस्य अनुपस्थित है या नेटवर्क या किसी तकनीकी कारण से पिछले डेटाबेस से मिलान नहीं हो पाया तो ये फिर से आपकी मदद के लिए आएंगे। 

 

राजस्थान की बात करें तो वर्तमान मतदाता सूची के अनुसार 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 827 मतदाता हैं। इनकी जांच 52.467 यूथ लेवल अधिकारी करेंगे। इनमें से 40 वर्ष से अधिक के मतदाताओं की संख्या 2.61 करोड़ है. इसकी 77% को मैपिंग की जा चुकी है। वहीं 2.88 करोड़ मतदान 40 वर्ष से कम आयु के हैं. इनको मैपिंग काम चल रहा है।

 

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार सभी संभागीय आयुक्त, जिल्ला निर्वाचन ऑस्कारियों को इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं। इसमें मुख्य रूप से मतदान केन्द्रों के पुनर्गठन, बीएलओ एवं पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण, राजनैतिक दलों को सूचना मीडिया प्रबंधन, ऑनलाइन प्रपत्र को बढ़ावा देना शामिल है।


Content Editor

Anil Jangid

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