सेमीकंडक्टर का कहां तक पहुंचा काम ? देश की पहली सेमिकॉम सिटी धोलेरा की ग्राउंड रिपोर्ट
Monday, Sep 29, 2025-09:00 AM (IST)

चीन के बगल में स्थित एक छोटे सा देश ताइवान आज पूरी दुनिया को सेमीकंडक्टर चिप्स की सप्लाई कर रहा है। चिप्स की बढ़ती डिमांड के चलते अब अमेरिका, जापान जैसे देश भी चिप्स प्लांट का तेजी से विस्तार कर रहे हैं। अब इस रेस में भारत भी शामिल हो चुका है। भारत में गुजरात और असम में सेमीकंडक्टर चिप्स के प्लांट तैयार हो रहे हैं। भारत में सेमीकंडक्टर का कहां तक पहुंचा यह जानने के लिए पंजाब केसरी राजस्थान की टीम गुजरात के धोलेरा सेमिकॉम सिटी में पहुंची है।
ये कोई साइंस फिक्शन नहीं बल्कि उस शहर का असल चेहरा है जो 2045 तक धोलेरा में नजर आएगा। देश में चार बड़े सेमीकंडटर यूनिट्स लेने के केंद्र सरकार के फैसले के तहत धोलेरा को सेमी कंडक्टर के मास प्रोडक्शन के लिए तैयार किया जा रहा है। गुजरात में धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (SIR) को 2045 तक भारत का पहला अगली पीढ़ी का नया शहर बनाने की कवायद चल रही है।
यह परियोजना दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (DMIC) का हिस्सा है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में गिना जाता है। धोलेरा स्मार्ट सिटी को 920 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है, जो दिल्ली से लगभग 130 किलोमीटर दूर स्थित है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, 6-लेन एक्सप्रेसवे, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र शामिल हैं। केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।
धोलेरा सेमिकॉम सिटी की खास बातें
धोलेरा में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है, जो कार्गो और यात्री दोनों सेवाएँ देगा। रनवे और टर्मिनल का काम पूरा हो चुका है।
इसी तरह मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित हो रहा है जो दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ा होगा। इस सेमिकॉम सिटी धोलेरा में रक्षा, विमानन, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र और भारी इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी में ट्रांसपोर्ट, जल आपूर्ति, स्वच्छता, सुरक्षा और ऊर्जा प्रबंधन में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही है। हालाँकि धोलेरा स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए कई योजनाएँ बनाई गई हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने है। समतल भूमि होने से बारिश मंजिल भराव एक आम समस्या है। इसलिए निवेशक को कई तैयारियों के साथ आना होगा। कुछ किसानों ने किसानों और भूमि के अधिग्रहण में बड़े मुआवजे की माँग की है। कुछ क्षेत्रों में निवेश की गति अपेक्षाकृत धीमी रही है, जिससे विकास में देरी हो रही है। धोलेरा क्षेत्र में जलभराव की समस्या बनी हुई है, इसीलिए निवेशक को आते ही इन परिस्थितियों पर फोकस करना होगा।
विशाल सूर्यकांत