अब Pension वालों को निशाना बना रहे ठग! जीवन प्रमाण पत्र के नाम पर ऐसे उड़ा रहे पैसे

Sunday, Nov 02, 2025-03:35 PM (IST)

जयपुर। आज के समय में साइबर अपराधी ठगी के लिए नए—नए पैंतरें अपना रहे हैं। अपराधी अब पेंशनधारकों से जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट करने के नाम पर साइबर ठगी को अंजाम देने में लगे हुए हैं। इसके चलते राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से एक एडवाइजरी जारी की है। जिसके पीछे का उद्देश्य पेंशन धारकों को संभावित साइबर अपराध से सचेत करना है। क्योंकि इन दिनों साइबर अपराधियों की ओर से पेंशन निदेशालय से जुड़े जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने के बहाने नई तरह की धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे साइबर ठग पेंशन धारकों को अपना निशाना बना रहे हैं, आप उनसें कैसे बच सकते हैं।

साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक जालसाज स्वयं को पेंशन कार्यालय या संबंधित विभाग का कर्मचारी बताते हुए पेंशन धारकों को कॉल करते हैं। वो पहले पेंशन धारकों से उनकी नियुक्ति, सेवानिवृत्ति दिनांक, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, मासिक पेंशन और नॉमिनी जैसी पूरी जानकारी हासिल कर लेते हैं। डेटा प्राप्त करने के बाद पेंशन धारकों को उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने का झांसा देते हैं और उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को तुरंत शेयर करने के लिए कहते हैं।

एक बार जब पेंशन धारक ओटीपी शेयर कर देते हैं तो साइबर ठग उन्हें फर्जी लिंक या ऐप भेजकर उनके मोबाइल, लेपटॉप, कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लेते हैं। रिमोट एक्सेस मिलते ही जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का सीधा एक्सेस मिल जाता है, जिसके बाद वे खाते में जमा समस्त राशि को तुरन्त दूसरे फर्जी बैंक खातों या वॉलेट में स्थानांतरित कर देते हैं।

आपको बता दें कि पेंशन निदेशालय कभी भी किसी भी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है और न ही स्वयं ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करता है। ऐसे में पेंशनर्स ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने की प्रक्रिया केवल अधिकृत ई-मित्र केंद्रों पर कराएं। किसी भी अज्ञात कॉल करने वाले व्यक्ति को अपनी बैंक जानकारी, ओटीपी या पेंशन आईडी शेयर नहीं करें। जीवन प्रमाण पत्र केवल अधिकृत वेबसाइट पर ही जमा करें और किसी भी अनजान लिंक या मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी सत्यता का पूरी तरह सत्यापन करें। किसी भी अनजान कॉल पर यदि दबाव बनाया जाए या डराया जाए तो तुरंत कॉल काट दें। किसी पेंशन धारक के साथ इस प्रकार की घटना होती है तो इसकी सूचना तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, साइबर हेल्प लाईन नम्बर 1930 या साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 व 9257510100 पर दें।


Content Editor

Anil Jangid

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