JCB से उल्टा लटका कर युवक को पीटने वालों की भरे बाजार निकाली परेड |
Monday, May 26, 2025-02:20 PM (IST)

राजस्थान के अजमेर जिले के रायपुर थाना क्षेत्र के गुड़िया गांव से सामने आई एक अमानवीय घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक युवक को जेसीबी मशीन से उल्टा लटकाकर बेरहमी से पीटा जा रहा है। यह दिल दहला देने वाला वीडियो शनिवार को सामने आया और लोगों में आक्रोश की लहर दौड़ गई।
क्या है पूरा मामला?
यह पीड़ादायक घटना 7 अप्रैल की बताई जा रही है। पीड़ित युवक याकूब, सराधना गांव का निवासी है और एक डंपर चालक के रूप में काम करता था। उसका डंपर अजमेर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तेजपाल सिंह उदावत के अधीन चलता था। तेजपाल को याकूब पर डीजल और सीमेंट चोरी करने का शक था। इसी संदेह के आधार पर तेजपाल और उसके साथियों ने याकूब को जबरन गाड़ी में बैठाकर गुड़िया गांव की एक सीमेंट फैक्ट्री में ले गए। वहां उसे जेसीबी से उल्टा लटकाया गया और बुरी तरह पीटा गया। बाद में उसे धमकाकर छोड़ दिया गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
वीडियो के वायरल होते ही पुलिस ने तुरंत संज्ञान लिया। रायपुर थाना पुलिस और सीओ जैतारण ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी तेजपाल सिंह उदावत और उसके सहयोगी परमेश्वर को गिरफ्तार कर लिया। तेजपाल पर पहले से ही 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह बजरी माफिया के रूप में भी कुख्यात है। पुलिस ने उसके ब्यावर स्थित आवास की तलाशी भी ली है। फिलहाल तीन अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
सार्वजनिक परेड और सख्त संदेश
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रविवार को रायपुर और पिपलिया कलां में तेजपाल और परमेश्वर की सार्वजनिक परेड करवाई, ताकि समाज में एक सख्त संदेश जा सके कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
समाज में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
इस घटना से काठात समाज और स्थानीय ग्रामीणों में जबरदस्त गुस्सा है। समाज के लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
पुलिस प्रशासन का आश्वासन
अजमेर के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने कहा कि इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया गया है और जांच को तेज कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "यह एक अमानवीय कृत्य है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।" यह घटना केवल कानून व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाती, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और इंसानियत की जरूरत को भी उजागर करती है।