सावन का पहला वन सोमवार आज, दौसा के शिवालयों में भक्तों का लगा तांता
Monday, Jul 22, 2024-03:06 PM (IST)
दौसा, 22 जुलाई 2024 । आज सावन मास का पहला सोमवार है। जिसके चलते शिवालयों में अल सुबह से ही भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा है, जहां देखो वहीं शिवभक्त नजर आ रहे है । ऐसे में शिव भक्तों और हर हर महादेव, बम भोले के नारों से दौसा की धरा गूंज उठी है । इन दिनों दौसा छोटी काशी के रूप में नजर आने लगती है ।
दरअसल सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है, जिसके चलते भगवान शिव के भक्त सावन मास में भोले बाबा के जाने के लिए तमाम वह जतन करते हैं जिसे भोले बाबा प्रसन्न हो । इसी कड़ी में हम बात कर रहे हैं दौसा जिले की । दौसा को देवनागरी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां पांच शिवालय स्वयंभू है ।
बाबा बैजनाथ, बाबा सहज नाथ, बाबा गुप्त नाथ, बाबा नीलकंठ और बाबा सोमनाथ इन पंचशील वालों की वजह से दौसा को देवनगरी कहा जाता है । ऐसे में सावन माह में दौसा मानों छोटी काशी बन गई है । हालांकि सावन के महीने में जहां-जहां भगवान शिव के मंदिर है, वहां भक्तों का सैलाब हमेशा देखने को मिलता है । लेकिन दौसा में कुछ विशेष ही आस्था के केंद्र यह पांचो स्वयंभू शिवालय बने हुए हैं और इन्हीं की वजह से दौसा को देवनागरी की पहचान मिली है ।
सावन के महीने में लोग पूरी तरह विधि विधान के साथ बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र, पंचामृत शहद,चंदन, दूध, दही, नारियल और भगवान शिव को प्रिय धतूरे आदि के साथ भगवान शिव को मनाने का प्रयास करते हैं । कहा जाता है, कि श्रावण मास के दौरान जो लोग भगवान शिव में आस्था रखते हैं और अपने लिए कुछ मांगते हैं । तो भगवान शिव पूरे साल की तपस्या का फल इस सावन माह में दे ही देते हैं ।
हम बात कर रहे हैं दौसा के नीलकंठ महादेव की जो पहाड़ी पर स्थित है और गुप्त नाथ गुप्तेश्वर मंदिर जो गुप्तेश्वर रोड पर स्थित है । इन दोनों जगह पर भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है और भगवान शिव को रिझाने के लिए क्या छोटे, क्या बड़े, क्या बुजुर्ग, क्या महिलाएं और क्या बेटियां सब इन दिनों भगवान शिव को प्रसन्न करने में लगे रहते हैं । और पूरे तन-मन-धन के साथ लोग सावन माह का व्रत उपवास इत्यादि भी रखते हैं । दौसा के देवनागरी के इन पांचों शिवालयों में सुबह 3:30 बजे से भक्तों का आना-जाना शुरू हो जाता है और दिनभर लाखों की संख्या में देवनगरी के इन शिव मंदिरों में भक्ति भाव चलता रहता है । आसपास का माहौल ऐसा लगता है मानो छोटी काशी में भगवान शिव को रिझाने भक्त पहुंचे हैं । और जल्दी से जल्दी भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं । इस तरह सावन का पूरा महीना भगवान शिव की आराधना का महीना माना जाता है ।