अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी पर मंडराया खतरा, हाईकोर्ट ने 3 साल की सजा को माना बरकरार

Saturday, May 03, 2025-11:44 AM (IST)

जयपुर, 3 मई 2025 । राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी अब खतरे में है। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक करीब 20 साल पुराने आपराधिक मामले में झालावाड़ की निचली अदालत द्वारा दी गई 3 साल की सजा को बरकरार रखा है। इस फैसले के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई है और कांग्रेस ने विधायक की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई है।

क्या है मामला ?
कंवरलाल मीणा पर आरोप है कि उन्होंने एक चुनावी अधिकारी पर पिस्टल तानने और चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का प्रयास किया था। इस मामले में झालावाड़ की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा है।

कांग्रेस ने मांगी सदस्यता रद्द करने की मांग
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से स्वतः संज्ञान लेकर विधायक की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी घोषणा की है कि वे सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर इस संबंध में औपचारिक मांग रखेंगे।

टीकाराम जूली ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा : "हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के तहत 2 साल से अधिक की सजा होने पर सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। आशा है कि कानून का पालन होगा।"

क्या कहता है कानून ?
भारतीय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के अनुसार, यदि किसी सांसद या विधायक को 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। इस स्थिति में, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा औपचारिक कार्रवाई के बाद कंवरलाल मीणा की विधायकी रद्द हो सकती है।

राजनीतिक असर और सवाल
यह मामला सिर्फ एक विधायक की सदस्यता तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे राजस्थान की सियासत में भी हलचल पैदा हो गई है। अब सभी की निगाहें विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर टिकी हैं —क्या वे इस मामले में जल्द निर्णय लेंगे ?

क्या जाएगी कंवरलाल मीणा की विधायक पद की कुर्सी ?
इस सवाल का जवाब आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। लेकिन इतना तय है कि इस मुद्दे ने राज्य में सियासी गर्मी बढ़ा दी है और बीजेपी पर भी दबाव बढ़ता नजर आ रहा है। क्या कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होनी चाहिए या नहीं ? इस पर नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर साझा करें।
 


Content Editor

Chandra Prakash

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