नवजात की मौत के बाद हुआ हंगामा, आखिर जिंदगी बचाने वाला टीका कैसे बन गया मौत का कारण ?, ये जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर
Sunday, Aug 11, 2024-07:15 PM (IST)
दौसा, 11 अगस्त 2024 । जिले के बांदीकुई में एक निजी अस्पताल में जिंदगी बचाने का टीका ही मौत का कारण बन गया । दरअसल टीका लगाने के बाद नवजात बालिका मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल पर गलत टीकाकरण का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया । ऐसे में नवजात बालिका के परिजन नवल किशोर के मुताबिक नवजात बालिका के जन्म के लगभग 20 मिनट बाद अस्पताल प्रशासन ने बच्चों को सिरम इंस्टीट्यूट का बीसीजी और हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया था, इसके बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई और बच्चे बेहोश हो गए । मृतक बालिका के पिताजी का आरोप तो यहां तक भी है कि टीका लगने और बेहोश होने के चार घंटे बाद तक अस्पताल प्रशासन ने उस बच्ची को अस्पताल में ही रोक कर रखा और रेफर नहीं किया । इसलिए बालिका की मौत हो गई ।
टीके रिएक्शन होने के बाद जांच की बात कर रहा अस्पताल प्रशासन
उधर डॉ. मुकेश गोयल ने बताया कि 8 अगस्त को हमारे अस्पताल में दो डिलीवरी हुई थी । जिनको 9 अगस्त को हेपेटाइटिस बी और बीसीजी का टीका लगाया गया था । टीका लगाने के कुछ देर बाद दोनों बच्चें बदहवास हो गए। जिनको जयपुर रेफर किया गया, जहां एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा स्वस्थ बताया जा रहा है । अस्पताल प्रशासन का कहना तो यह भी है कि हम लोग सिरम इंस्टीट्यूट के टीके काम लेते हैं, हो सकता है कहीं ना कहीं कोई ना कोई कमी रही होगी, इसलिए एक साथ दो बच्चों के टीके रिएक्शन हुए हैं । अब अस्पताल प्रशासन टीके रिएक्शन होने के बाद जांच की बात कर रहा हैं।
बसवा थाने में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज
उधर बच्चों की मौत के बाद बीते दिन मृतक बालिका के परिजनों ने बढियाल रोड पर जाम लगाया था । जिसके चलते बसवा और बांदीकुई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों के साथ समझाइश का प्रयास कर जाम खुलवाया था । लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी दवा निर्माता कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट के द्वारा बनाए गए जिंदगी बचाने के टीके से आखिर मौत कैसे हो गई ?, यह जांच का विषय है । उधर मृतक बालिका के परिजनों ने बसवा थाने में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है । फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है ।