झालावाड़ के निजी स्कूल में शिक्षक ने बालिका के साथ कर दी दिल दहलाने वाली ये वारदात !

Monday, Aug 26, 2024-01:52 PM (IST)

झालावाड़, 26 अगस्त 2024 । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने स्कूली बच्चों के मामलों को लेकर ये अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि स्कूली बच्चों की सही से देखभाल की जानी चाहिए। 'अनुशासन या शिक्षा के नाम पर स्कूल में बच्चे को शारीरिक हिंसा के लिए मजबूर करना क्रूरता है। बच्चे को सुधारने के लिए शारीरिक दंड देना शिक्षा का हिस्सा नहीं है।' आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने की आरोपी एक महिला टीचर की याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की ।

स्कूली बच्चे को सुधारने के लिए शारीरिक दंड देना शिक्षा का हिस्सा नहीं- हाई कोर्ट
शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई), 2009 अधिनियम की धारा 17 शारीरिक दंड पर पूर्ण प्रतिबंध लगाती है। यह 'शारीरिक दंड' और 'मानसिक दंड' पर प्रतिबंध लगाता है और इसे दंडनीय अपराध बनाता है । इससे तात्पर्य यह है कि उल्लंघन करने वाले पक्ष को उन पर लागू होने वाले संवैधानिक सेवा के विशिष्ट संवैधानिक कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। इन सभी के बावजूद भी स्कूलों में सुधार नहीं हुआ । 

झालावाड़ जिले में निजी स्कूल में शिक्षक ने बालिका को मुर्गा बनाकर पीटा, हालत गंभीर
ऐसा ही एक दिल दहलाने वाला मामला राजस्थान प्रदेश के झालावाड़ जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के मरायता गांव के एक निजी स्कूल का सामने आया हैं । दरअसल मरायता गांव के एक निजी स्कूल की छात्रा के साथ शिक्षक ने मुर्गा बनाकर पिटाई कर दी, जिससे छात्रा की तबीयत बिगड़ गई । ऐसे में पीड़ित छात्रा को झालावाड़ और कोटा से रैफर करने के बाद शनिवार रात जयपुर ले जाया गया। छात्रा को जयपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती किया गया है। इस संबंध में छात्रा के दादा मरायता निवासी राधेश्याम नागर की ओर से खानपुर थाने में मामला दर्ज कराकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

राधेश्याम नागर की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया कि उसकी 8 वर्षीय पौत्री कक्षा 2 की छात्रा रितिका नागर 18 अगस्त को गांव के निजी स्कूल शिशु भारती विद्या मंदिर में पढ़ने गई थी। स्कूल से बालिका घर आई तो उसे बुखार आ गया और घबराहट होने लगी। परिजनों ने छात्रा से पूछताछ की तो उसने बताया कि विद्यालय के शिक्षक ने उसे मुर्गा बनाकर चक्कर लगवाकर डंडे से पिटाई की। इससे उसके एक हाथ व पैर में सूजन आ गई। परिजनों ने उसे अगले दिन स्कूल टीचर के साथ झालावाड़ के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, तो चिकित्सको ने ऑपरेशन करने को कहा। इस पर अगले दिन उसे कोटा ले जाकर निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। यहां भी आईसीयू में उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर शनिवार शाम को उसे जयपुर रेफर कर दिया। फिलहाल जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में उसका गंभीर अवस्था में इलाज चल रहा है। उधर, थानाधिकारी सत्यनारायण मालव ने बताया कि राधेश्याम नागर के परिवाद पर रिपोर्ट दर्ज कर बालिका के पर्चा बयान के लिए पुलिसकर्मियों को जयपुर भेजा गया है।

ब्रह्मानंद नागर, प्रधानाध्यापक, शिशु भारती स्कूल ने परिजनों के आरोप का खंडन करते हुए बताया कि जिस शिक्षक पर परिजन आरोप लगा रहे हैं, मैंने उससे पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई मारपीट नहीं की। बच्ची से टेबल पूछ रहा था। याद करके क्यों नहीं लाई, तो उसने कहा कि मुझे बुखार आ रहा था। मैंने अन्य दो शिक्षकों से भी पूछताछ की। उन्होंने भी बताया कि बच्चों के साथ कोई मारपीट नहीं की।
 


Content Editor

Chandra Prakash

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