आशीष और राहुल से पहले भी नाहरगढ़ पर हो चुके ये हादसे, मगर फिर भी..!

Saturday, Sep 07, 2024-05:40 PM (IST)

 

यपुर, 7 सितंबर 2024 । विश्वभर में गुलाबीनगरी जयपुर पर्यटन नगरी के तौर पर प्रसिद्ध है । यहां एडवेंचर और ट्रैकिंग के लिए सबसे मशहूर अरावली पर्वतमाला से घिरी हुई नाहरगढ़ की पहाड़ी है, लेकिन बीते 5 दिनों से यह पहाड़ी जयपुर पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली बनी हुई है, जिसे सुलझाने के लिए पुलिस इसी पहाड़ी के जंगलों में दिन-रात डेरा डाले हुए है । सिर्फ जमीन पर ही नहीं बल्कि आसमान से हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से भी पुलिस घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाकर एक अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने में जुटी हुई हैं। यह गुत्थी है जयपुर के दो युवकों आशीष और राहुल की। 

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बता दें कि 1 सितंबर 2024 को जयपुर के शास्त्रीनगर में रहने वाले दो सगे भाई राहुल पाराशर और आशीष पाराशर, जिनकी उम्र महज 23 और 19 साल है, अपने घर से नाहरगढ़ पहाड़ी पर स्थित चरण मंदिर के दर्शन के लिए निकले थे। मगर अचानक रास्ता भटक गए । घने पेड़ों से घिरी पहाड़ियों पर मोबाइल नेटवर्क की समस्या के चलते दोनों इतना दूर जा चुके थे कि वापस ही नहीं मिले । बात पुलिस तक पहुंची तो पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। जिसके बाद सोमवार को पहाड़ी पर आशीष की डेड बॉडी पाई गई, मगर बड़े भाई राहुल का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस अभी भी राहुल को ढूंढ़ने की जद्दोजहद में जुटी हुई हैं। 

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जानकारी के मुताबिक जयपुर के नाहरगढ़ इलाके में यह कोई पहली घटना नहीं है, जिसने सभी के होश फाख्ता कर दिए। इससे पहले भी इस क्षेत्र में कई गंभीर घटनाएं हो चुकी हैं, जिनकी वजह से यह क्षेत्र अब खौफनाक लगने लगा है। उन घटनाओं पर भी बात करेंगे, मगर उससे पहले कुछ सवाल जो अब सभी के मन में कौंधने लगे हैं। पहला यह कि नाहरगढ़ पहाड़ी पर आखिर क्यों एक के बाद एक इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। क्यों प्रशासन इन मामलों की ओर ध्यान नहीं देता हैं। आखिर क्यों, जयपुर का मोस्ट फेमस टूरिस्ट स्पॉट अब मौत का कुआं बनता जा रहा हैं। आखिर क्यों प्रशासन और सरकार इन एक्सीडेंट्स को कम करने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठा रही हैं। सवाल कई सालों से हैं, मगर जवाब का इंतजार अभी भी बना हुआ हैं। आप भी इस बारे में सोचियेगा जरूर और अपनी राय कमेंट सेक्शन में लिखियेगा।

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चलिए, अब एक नजर बीते दस सालों में जयपुर के नाहरगढ़ क्षेत्र में हुई कुछ गंभीर घटनाओं और अपराधों पर। 

1. साल 2014, एक स्थानीय कॉलेज के छात्र की लाश नाहरगढ़ किले के परिसर में मिली थी। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या के रूप में देखा गया, लेकिन कुछ लोगों ने हत्या की आशंका भी जताई। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच की थी। 

2. साल 2015, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के साथ नाहरगढ़ के जंगलों में कई बार लूटपाट की घटनाएं दर्ज की गईं। कुछ मामलों में हथियारबंद अपराधियों ने जंगल में सैर करने वाले पर्यटकों को निशाना बनाया। इन घटनाओं के बाद सुरक्षा को मजबूत किया गया था। 

3. महीना नवंबर, साल 2017, नाहरगढ़ किले की दीवार पर एक युवक की लाश लटकी हुई पाई गई। दीवारों पर "पद्मावती" फिल्म से जुड़ी कुछ विवादित पंक्तियां लिखी हुई थीं, जिससे यह मामला और अधिक चर्चित हो गया। इसे हत्या या आत्महत्या दोनों ही संदर्भों में जांचा गया था, मगर अंतिम निर्णय पर पहुंचना कठिन रहा। 

4. साल 2018, एक युवती के साथ नाहरगढ़ क्षेत्र के एक सुनसान हिस्से में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया। इस घटना ने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए और पुलिस द्वारा गश्त बढ़ाई गई। हालांकि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

5. साल 2020, एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की खबर नाहरगढ़ की पहाड़ियों के पास आई । प्रारंभिक जांच में इसे जमीन विवाद से जुड़ा मामला बताया गया था। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया था और पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की। 

6. साल 2022, किसी राजनीतिक मुद्दे से जुड़ी एक घटना के बाद नाहरगढ़ किले पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। किले की दीवारों पर तोड़फोड़ की गई और कई लोगों को हिरासत में लिया गया। यह घटना राजनीतिक रूप से संवेदनशील बन गई थी। 

7. साल 2023, नाहरगढ़ के जंगलों में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो कुख्यात अपराधी मारे गए। ये अपराधी कई संगीन अपराधों में शामिल थे और लंबे समय से फरार चल रहे थे। पुलिस की इस कार्रवाई ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने में मदद की। 

8. अब साल 2024 की ये वारदात।  इन घटनाओं ने नाहरगढ़ क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर गहरी चोट की है और प्रशासन को इस क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को सख्त करने के लिए मजबूर किया है।
 


Content Editor

Chandra Prakash

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