राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की ओर से पुलिस को दी गई उपनाम की नसीहत के क्या है राजनीतिक मायने ?
Thursday, Oct 03, 2024-06:01 PM (IST)
दौसा, 3 अक्टूबर 2024 । दौसा में दौसा पुलिस लीग T20 क्रिकेट का उद्घाटन करने आए कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम उद्घाटन मैच में एक भी बोल नहीं खेल पाए, बल्कि जवाहर सिंह तो दूसरी बॉल पर आउट तक हो गए । जो अब चर्चा का विषय बन गया है ।
राजस्थान की राजनीति में भले ही जवाहर सिंह बेढम और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एक बड़ा नाम हो, लेकिन खेल के मामले में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का नाम राजस्थान के तमाम मंत्रियों में सबसे पहले आता है और बड़ा नाम भी है । राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भारतीय निशानेबाज भी रहे हैं और खेलकूद के साथ पूर्व सैन्य अधिकारी भी रहे हैं ।
इधर, जब दौसा में पुलिस T20 क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने दौसा पहुंचे तो पहले मंत्री ने दोनों टीमों के बीच टॉस करवाया और फिर खुद बल्ला लेकर उतर गए । मैदान में जहां राजस्थान सरकार के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को हाफ पिच पर आकर बोल डाली वह भी एक नहीं,दो नहीं, बल्कि पूरी तीन, लेकिन सैन्य अधिकारी रहे और पूर्व ओलंपिक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ गृह राज्य मंत्री की गुगली बोल नहीं खेल पाए जो चर्चा का विषय बना रहा । .
वहीं तीन बॉल खेलने के बाद स्टेडियम में मौजूद लोगों की रिक्वेस्ट पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम को भी खेलने के लिए बुलाया गया । जहां दौसा जिले के लालसोट से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश अग्रवाल ने गृह राज्य मंत्री को बोल डाली, पहली बॉल तो नो बोल निकल गई और दूसरी बॉल पर गृह राज्य मंत्री दौसा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश अग्रवाल की बॉल पर क्लीन बोल्ड हो गए ।
पुलिस की नौकरी में आए हो तो उपनाम घर छोड़ कर आया करो- राज्यवर्धन राठौड़
अपने भाषणों के दौरान राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दौसा पुलिस क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन करने के समय पुलिस को बातों ही बातों में सीख दे डाली कि जब आप पुलिस की नौकरी में आए हैं और घर से नौकरी करने के लिए कमर में बेल्ट और सिर पर टोपी लगाकर निकलते हैं, तो अपना सरनेम घर भूल कर आए ।
आपको बता दें कि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का यह इशारा सीधे तौर पर जातिवाद को लेकर था, जहां पर इस जातिवाद के चलते दौसा में विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव बीजेपी हार चुकी है । अब मंत्री के इस इशारे के बाद क्या दौसा में फैला यह जातिवाद रह पाएगा या मंत्री की बातों को यूं ही हवा हवाई कर दिया जाएगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा ।