उदयपुर में अफवाह, तनाव और गहमागहमी के बीच शांति

Sunday, Aug 18, 2024-08:20 PM (IST)

उदयपुर, 18 अगस्त (ब्यूरो): शहर में स्कूली छात्र पर चाकूबाजी की घटना के तीसरे दिन भी उदयपुर तनाव की स्थिति से नहीं उबर पाया। बेटे से नहीं मिलाने पर उसकी मां के मुखर्जी चौक में धरने पर बैठने के बाद एक बार फिर माहौल बिगड़ गया और लोगों की भीड़ एमबी अस्पताल और मुखर्जी चौक में जमा हो गई। बढ़ते आक्रोश के बीच खुद जिला कलक्टर अस्पताल पहुंचे तथा माइक थामकर लोगों से शांति की अपील की। मां को उसके बेटे से मिलवाया गया। अपने बेटे से मिलने के बाद उसकी हालत भी बिगड़ गई और उसे भी अस्पताल में भर्ती कर लिया गया।

इस बीच कोटा से भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी उदयपुर पहुंच चुकी है और वह बच्चे के उपचार को लेकर निगाह रखे हुए है। इधर, अस्पताल में इमरजेंसी के बाहर भारी भीड़ जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करती रही। घायल बच्चे की मां अस्पताल पहुंची तो उसे रोक दिया गया। अपने बेटे से नहीं मिल पाने के बाद आक्रोशित मां मुखर्जी चौक पहुंची तथा धरने पर बैठ गई। देखते-देखते भारी संख्या में लोग वहां जुटने लगे। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी मां को अस्पताल लाए और भीड़ इमरजेंसी के बाहर जुट गई। लोगों के भारी विरोध के बीच जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल खुद मुख्य भूमिका में आए और लाउड स्पीकर के जरिए लोगों को बच्चे की हालात के बारे में बताते हुए उन्हें शांति बनाए रखने को कहा।  

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मां बोली, बच्चे की आंखें और हाथ मोटे हो गए, हिलाने पर नहीं दे रहा रिस्पॉन्स 
घायल बच्चे की मांग बोली कि रविवार सुबह वह आईसीयू पहुंची, जहां नर्सिंग स्टाफ ने उसे अंदर जाने से रोक दिया। जिसके बाद वह मुखर्जी चौक पहुंची और धरने पर बैठ गई। जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा उसे काफी मिन्नतों के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। उसने अपने बेटे का हाथ पकड़कर देखा तो वह बहुत मोटा हो चुका था। उसकी आंखे भी बड़ी हो गई हैं। उसे हिलाया तो वह रिस्पॉन्स नहीं दे रहा। डॉक्टर्स से पूछा कि यह सब कैसे हुआ तो उन्हें नहीं बताया जा रहा।  

त्योहार निकल जाने दो, इसका क्या मतलब ?
घायल छात्र की मां ने यह भी कहा कि आईसीयू में खड़े डॉक्टर्स व अन्य चार-पांच लोगों ने उसे बताया कि त्योहार निकल जाने दो। इसका मतलब नहीं बताया जा रहा। उनके पीछे पुलिस लगा रखी है, यहां तक पति-पत्नी के बीच हो रही बातों को जासूसों की तरह सुनकर ऊपर बताया जा रहा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि उनका बच्चा नहीं रहा। उनका बच्चा नहीं रहा तो उदयपुर में भी बहुत कुछ बदल जाएगा। इधर, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल का कहना है कि बच्चे के उपचार के संबंध में डॉक्टर्स ही ज्यादा समझते हैं। वह बोले कि अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। भगवान ने चाहा तो सब कुछ अच्छा होगा।  PunjabKesari

मां हुई बेसुध, कराया भर्ती
घायल बच्चे की मां अपने बच्चे को देखने के कुछ समय बाद बेसुध हो गई। उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इधर, कुछ लोगों का अस्पताल में हनुमान चालीसा का पाठ जारी है और प्रदर्शनकारी प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाते रहे।

भीड़ में महिला बोली- बॉडी दे दो, कलक्टर पोसवाल ने कहा- बच्चा जिंदा है
इमरजेंसी के बाहर माहौल बिगड़ने की सूचना पर मौके पर जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने माइक के जरिए संबोधित करते हुए लोगों को भरोसा दिलाया कि वह अफवाह पर ध्यान नहीं दें। नकारात्मक बात न करें। इसी दौरान भीड़ में शामिल एक महिला बोली, बच्चे की बॉडी दे दो। जिस पर कलक्टर ने महिला को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्चे जिंदा और उसका उपचार चल रहा है। बच्चे के लिए प्रार्थना करें। कलक्टर ने हाथ जोड़कर कहा कि सभी दुआं मांगे, नकारात्मक माहौल न बनाया जाए।  

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कोई नाराजगी नहीं, कुछ लोगों ने कर दिया मिसगाइड: कलक्टर पोसवाल
कलक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि परिवार के लोगों को बच्चे से मिलाया जा रहा है। इसमें कोई गफलत नहीं है। उनमें कोई नाराजगी भी नहीं है। कुछ लोगों ने इन्हें मिसगाइड कर दिया। सभी को आईसीयू में नहीं भेजा जा सकता, यह संभव नहीं।  बच्चे की हालत स्थिर है। बीती रात उसे थोड़ी दिक्कत आई थी। उसकी स्थिति कल जैसी है। डॉक्टर्स की टीम उसे देख रही हैं। एयरलिफ्ट करना ठीक नहीं है। चिकित्सालय में भीड़ को रोकने को लेकर समझाइश कर रहे हैं। सख्ती नहीं कर सकते हैं क्योंकि सभी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। अफवाह फैलाने वालों पर बाद में कार्रवाई की जाएगी। अभी छात्र का इलाज जरुरी हैं। समय भगवान से दुआ करने का है। प्रशासन, समाज और सरकार साथ हैं।

अफवाह नहीं फैलाएं: एसपी गोयल
एसपी योगेश गोयल ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। सभी को नंबर दिए गए हैं। उस पर पुष्टि कर संदेह दूर किए जा सकते हैं। हॉस्पिटल में और भी क्रिटिकल मरीज भर्ती हैं। ऐसे में यहां भीड़ करके शोर नहीं मचाएं। मरीजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शांति बनाए रखने में सभी सहयोग करें।

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बाजार तो खुले पर रौनक नहीं लौटी
शहर में संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर ज्यादातर बाजार खुल गए, लेकिन त्योहार जैसी रौनक नहीं है। सोमवार को रक्षाबंधन है, बावजूद इसके मिठाई और राखी की दुकानों पर सामान्य दिनों की तरह न तो भीड़ नजर आई और ना ही पर्यटन स्थलों पर ज्यादा पर्यटक दिखे। शहर में बिगड़े माहौल, नेटबंदी के चलते ज्यादातर पयर्टक लौट गए है या उन्होंने अपनी बुकिंग कैंसिल करवा दी है।

मेडिकल बोर्ड कर रहा मॉनिटरिंग 
एमबी राजकीय चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने मीडिया को बताया कि घायल छात्र बिना हार्ट बीट के हॉस्पिटल आया था। डॉक्टरों ने अपने बेहतर प्रयास कर सीपीआर देकर उसे रिवाइव किया था। इमरजेंसी में उपचार शुरू किया और बाद में तत्काल ओटी में ले जाकर ऑपरेशन भी किया। उपचार के लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया हुआ है जो लगातार छात्र पर मॉनिटरिंग करते हुए बेहतर इलाज दे रह हैं। नेफ्रोलॉज् की सेवा के लिए कोटा से विशेषज्ञ डॉक्टर आए हैं, जो उसका उपचार देख रहे हैं। बीती रात को छात्र के बीपी ने 95 से नीचे डीप किया था, उसके लिए बीपी की दवा बढ़ाई गई है। सभी उसके शीघ्र ठीक होने की दुआ करें। सभी डॉक्टर पूरी कोशिश कर रहे हैं।


 


Content Editor

Chandra Prakash

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