मदन राठौड़ का गहलोत पर पलटवार — “धनखड़ के इस्तीफे पर राजनीति कर रही कांग्रेस, लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश”
Wednesday, Jul 23, 2025-07:31 PM (IST)

जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवालों पर भाजपा ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “गहलोत बौखलाहट में लोकतंत्र को निशाना बना रहे हैं और संवैधानिक पदों का अनादर कर रहे हैं।”
राठौड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है और इसपर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। “ना तो गहलोत डॉक्टर हैं और ना ही धनखड़ जी के निजी चिकित्सक, फिर भी वे बयानबाज़ी कर रहे हैं। कांग्रेस को हर चीज़ में साज़िश क्यों दिखती है? शायद इसलिए क्योंकि पार्टी अब देश की राजनीति में अप्रासंगिक हो चुकी है।”
“गहलोत की सरकार ने खुद लोकतंत्र की हत्या की थी”
मदन राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि गहलोत को लोकतंत्र पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा,
“आपने खुद अपने विधायकों को बाड़ेबंदी में रखकर लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा को तोड़ा। आज वही लोग लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं।”
राठौड़ ने कांग्रेस के “हमेशा सही” होने के दावे को राजनीतिक घमंड बताया और कहा कि कांग्रेस कभी भी जनता के फैसले को स्वीकार नहीं करती। “राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री, कांग्रेस हर संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर साज़िश के आरोप लगाने से नहीं चूकती।”
“देश का लोकतंत्र पूरी तरह स्वस्थ और मजबूत”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भारत का लोकतंत्र पूरी तरह स्वस्थ और मजबूत है। “गहलोत जैसे नेता उसे कमजोर बताकर सिर्फ अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। कांग्रेस को चाहिए कि वह संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करे, न कि उन्हें लगातार अपमानित करे।”
"एक पेड़ मां के नाम" अभियान में भाजपा कार्यकर्ताओं ने रचे कीर्तिमान
प्रेस वार्ता के दौरान राठौड़ ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता पूरे राज्य में वृक्षारोपण को जनआंदोलन बना चुके हैं। पाली जिले की खीमावत ट्रस्ट और सैलो ग्रुप जैसे संगठन लाखों नीम के पौधे लगाकर संरक्षण का अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “किसी जिले में 50 हजार तो कहीं एक लाख पौधे लगाए गए हैं। यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक ऐतिहासिक योगदान है।”
राठौड़ ने मानसून में नदी-नालों से दूर रहने की भी अपील की। उन्होंने कहा, “अति उत्साह में लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं। हर एक जान कीमती है, सतर्क रहना ही समझदारी है।”