पूर्व मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने भजनलाल सरकार पर साधा निशाना साधा, बोले- ''ये दो नहीं तीन इंजन की सरकार बनी हुई है''
Monday, Aug 05, 2024-05:37 PM (IST)
अलवर, 5 अगस्त 2024 । "अलवर की इतनी दुर्दशा पहले कभी नहीं रही, सब व्यवस्था चौपट है और सफाईकर्मियों की हड़ताल के बाद तो अलवर में भयावह हाल हो गए। ऐसे बुरे हाल पहले कभी नहीं हुए" । ये कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जिंतेंद्र सिंह का । बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह सोमवार को अलवर पहुंचकर अपने निवास फूलबाग में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की । इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि अलवर के ऐसे बुरे हाल कभी देखने को नहीं मिले है, जबकि यहां तो बीजेपी की ट्रिपल इंजन की सरकार है। स्टेट, सेंटर व निगम का बोर्ड बीजेपी का है।
अलवर नगर निगम बना कमीशनबाजी और भ्रष्टाचार का अड्डा- भंवर जितेंद्र सिंह
उन्होंने कहा कि अलवर के दो-दो नेता मंत्री भी हैं। फिर भी नगर निगम कमीशनबाजी व भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। जनता के अनुसार काम नहीं होते हैं। यहां बड़ी धांधली होती है। इंदौर व भोपाल जैसा बनाने की केवल बात करते हैं। लेकिन काम कुछ नहीं करते हैं। साथ ही जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंबल के पानी को लाने के लिए कांग्रेस सरकार ने बजट में घोषणा की थी। फिर डीपीआर पर काम शुरू कर दिया था। लेकिन बीजेपी सरकार ने आते ही उस योजना को बंद कर दूसरी योजना लेकर आ गए। अब उनके स्तर पर बड़ी-बड़ी बातें कर करते हैं। लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं नजर आता है।
वाल्मीकि समाज को लेकर भंवर जितेंद्र सिंह ने कह दी ये बात
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के बारे में उन्होंने कहा कि वे काबिल हैं। लेकिन उनको अलवर में समय देना चाहिए। केंद्र सरकार से पैसा लेकर आना चाहिए। उनका दायित्व बनता है, कि बड़ी योजना लेकर आए। अलवर में वाल्मीकि समाज ही सफाई का असली काम करता है। कोविड के समय भी शवों का अंतिम संस्कार कराने में वाल्मीकि समाज आगे रहा। अब सफाईकर्मी भर्ती के मामले में वाल्मीकि समाज की जायज मांग है। उनकी मांग को पूरा करना चाहिए।
एनसीआर से फायदा लेने की बात को लेकर बीजेपी पर कसा तंज
NCR से फायदा लेने को लेकर उन्होंने कहा कि NCR में होने का फायदा भी मिलता है। कई बड़ी योजनाएं एनसीआर में आ जाती है। जैसे पहले कांग्रेस के राज में RRTS की योजना को अलवर तक अप्रूव कराया। लेकिन बीजेपी की सरकार ने आकर रोक दिया। वरना अलवर को बड़ा लाभ होता। मतलब इच्छा शक्ति नही हो तो कुछ फायदा नहीं मिलता है। अलवर में तो तीन चुनाव में बाहर के लोग आए चुनाव जीतकर चले गए। जिनको अलवर की जगहों का ही पता नहीं होता है।