भारी बारिश से सवाई माधोपुर में बाढ़ की चपेट में दर्जनों गांव
Saturday, Sep 14, 2024-09:01 PM (IST)
सवाई माधोपुर, 14 सितंबर 2024। सवाई माधोपुर जिले में विगत दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद भले ही अब बारिश का दौर थम गया है। लेकिन जिले में हुई भारी बारिश से नदी नालों में अभी भी उफान बरकरार है। जिले के तकरीबन सभी बांध छलक गए हैं और बांधों से ओवरफ्लो होकर लगातार आ रहे पानी का दंश दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीण झेलने को मजबूर हो गए हैं। अभी भी जिले के दर्जनों गांव पानी से घिरे हुए हैं और ग्रामीणों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
सवाई माधोपुर जिले में विगत दिनों हुई मूसलाधार बारिश से जिले के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए । भले ही इस जिले में अब बारिश का दौर थम गया हो,लेकिन नदी नालों में उफान अभी भी बरकरार है । जिले की बनास,चंबल,गलवा,मोरल,गम्भीरी एंव निगोह नदी अभी भी उफान पर चल रही है । जिले में हुई भारी बारिश से जिले के सभी 18 बांध पूरी तरह से भर गए और अभी बांधों पर अब चादर चल रही है। जिससे बांधो के निचले इलाके में बसे दर्जनों गांव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए है और बाढ़ की चपेट में है । सर्वाधिक परेशान है सूरवाल बांध की डाउनस्ट्रीम में रहने वाले गांवों के लोग। एक दर्जन से अधिक गांव के चारों ओर पानी भर गया है। गांवों के भीतर भी जबरदस्त पानी घुसा हुआ है। कई मकानों के अंदर पानी भरा हुआ है। गांव से निकलने के रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए हैं। मच्छीपुरा की ढाणी, सूरवाल ,अजनौटी ,दुब्बी धनौली, पुसोदा आदि गांव में स्थितियां इतनी खराब है, कि घर से ग्रामीण निकल तक नहीं सकते। लगातार बढ़ते पानी से भय के साए में ग्रामीण पल-पल परेशान होने को मजबूर है।
सुरवाल बांध में अत्यधिक पानी की आवक बढ़ने से बांध के भराव क्षेत्र के गांवों में जल भराव की विकराल स्थिति पैदा हो गई है। खाद्य सामग्री व पशुओं का चारा भीग गया है। घरों में पानी भरने से लोग दुबके बैठे हैं और कई लोग आने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर दूसरे के घरों में आश्रय लेने को मजबूर है। सुरवाल गांव की सड़कें दरिया बनी हुई है। रास्ते पूरी तरह से अवरुद्ध है । भगवतगढ़ मार्ग पर बनी पुलिया में पानी निकासी के लिए छोटे पाइप लगाए गए हैं, जो पानी का वेग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। सड़क पर 3 फीट के लगभग पानी चल रहा है। गांव में पानी भरने से कब्रिस्तान में भी पानी भर गया है। जिससे मौत होने पर शव को दफनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पानी निकासी के मार्गों पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। जिससे पानी अवरुद्ध हो गया है। नालियां लोगों ने बंद कर रखी है। ऐसे में भारी बरसात के बाद बांध के ओवर फ्लो होने से गांव में घुसा पानी निकल नहीं पा रहा है। खेतों में पानी भरने से फसलें नष्ट हो गई है। ऐसे विकट हालात में जिला प्रशासन केवल मूकदर्शक की स्थिति में है। वहीं मोरल नदी क्षेत्र के मायापुरी ,आनंदपुरा, डुंगरी ,गोज्यारी का संपर्क कटा हुआ है । निगोह नदी व बनास नदी के उफान पर आने से मलारना मार्ग अवरुद्ध है और सैनीपुरा,तिबारा,दोनायचा, बिच्छीदोनों ,रघुवंटी , चक बिलोली ,गोखरूपुरा ,पिलवा , श्यामोली ,सांकड़ा ,मकसुदनपुरा, चोहनपुरा ,बालोली आदि दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है और लोगों का रहना मुश्किल हो रहा है ।
बारिश के बाद नदियों में आए उफान और बांधों का पानी ओवरफ्लो होकर आने से सवाई माधोपुर लालसोट मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध है। अपनी जान को जोखिम में डालकर लोग सड़क पार करने को मजबूर हैं। प्रशासनिक भलेही आपदा प्रबंध के लाख देवे कर रहा हो और प्रशासन के इंतजाम ऐसे आपदा के समय शून्य नजर आ रहे है और बाढ़ ग्रस्त गांवों के लोग खासा परेशान है । जिस तरह नदिया उफान पर है और बांधो से लगातार पानी ओवरफ्लो होकर आ रहा है उसे देखकर लगता है कि बांधों के निचले इलाकों में बसे दर्जनों गांवों के लोगों को अभी आठ से 10 दिनों तक पानी और बाढ़ से निजात नहीं मिलने वाली है ।