किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें सरकार- टीकाराम जूली

Monday, Aug 05, 2024-04:21 PM (IST)

EXCLUSIVE INTERVIEW : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पंजाब केसरी के इन सवालों के दिए बेबाक जबाब  

सवाल- राजस्थान में जलभराव जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही है और हाल ही में जयपुर में बेसमेंट में पानी भरने से तीन लोगों की मौत हुई थी देखा जाए तो किरोड़ी लाल मीणा आपदा प्रबंधन राहत से जुड़े रहे हैं, अभी उन्होंने इस्तीफा दिया लेकिन मंजूर नहीं हुआ, इस पर क्या कहेंगे ? 

जवाब-  जो भी स्थिति है क्लीयर करनी चाहिए, आपको इस्तीफा मंजूर करना है तो मंजूर करिए, नहीं करना है तो मत करिए, लेकिन पेंडिंग स्थिति तो नहीं रखे । कृषि जैसा महत्वपूर्ण विभाग उनके पास है और इस देश की पूरी अर्थव्यवस्था किसानों पर टिकी हुई है, उस पर निर्णय नहीं हो पा रहा है । उनके जो बजट है उनपे किसने कृषि पर चर्चा की है वो नहीं बता पा रहे और ना ही ये तय कर पा रहे किरोड़ी को रखना है या नहीं रखना है । या उनका जिस बात पे विरोध है, उस चीज को ये लोग मानते है या नहीं मानते उस चीज से इनको कोई मतलब नहीं । बिजली की ये बात कर रहे हैं, सर्दियों में रबी की फसल के लिए बिजली की ज्यादा डिमांड होती है । उसकी तैयारी अभी से करने की होती है । गर्मी की बिजली की तैयारी जनवरी, फरवरी में करने की होती है लेकिन नहीं की । पानी जो भर गया इसकी तैयारी बरसात से दो महीने पहले करने की होती है,  सारे नाले-नालियां और साफ सफाई सब होती है वो आपने नहीं की, ये आपका फेलियर है । 

सवाल-  बीजेपी सरकार के लोग तो आरोप लगा रहे हैं, कि कांग्रेस सरकार की कही न कही गलतियां रही उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया ? 

जवाब- हमारे समय में पानी भरा क्या, हमारे समय में बिजली की दिक्कत आई क्या और कोई परेशानी आई क्या ?,  ये चीजे आप दूसरों पर कब तक डालोगे ? ठीक है आप 8 महीने से डाल रहे हो लेकिन अभी 4 महीने बाद फरवरी, मार्च में दोबारा बजट आएगा, तब भी कांग्रेस का नाम लेंगे क्या, कब तक कांग्रेस को, आज जनता ने मौका दे दिया । बिजली मंत्री का ये बयान होना चाहिए था कि ये ये कमियां रही पिछली राज की, जिनकी वजह से हमें दिक्कत आ रही है ।  लेकिन आज हम ये तय कर रहे है आने वाले 5 से 7 दिन के अंदर बिजली की समस्या से छुटकारा दिला देंगे । यहां तो ट्रिपल इंजन की सरकार है । ये कह रहे है हमें तो पहले से ज्यादा कोयला मिल रहा है । हमें तो ये लोग कोयला, मालगाड़ी नहीं देते थे । हमें विदेश से कोयला खरीदने के लिए मजबूर करते थे, भारत सरकार ने हमारा जो जीएसटी का पैसा मिलना होता था वो नहीं दिया । किन परिस्थितियों के अंदर हम काम करते थे, लेकिन इसके बावजदू भी 25 लाख का इलाज भी दे रहे थे, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता भी दे रहे थे,  लोगों को पेंशन भी दे रहे थे, इंग्लिश मीडियम एजुकेशन भी दे रहे थे, बच्चों को विदेश में भी पढ़ा रहे थे, सड़कें भी बन रही थी, कॉलेज भी खुल रही थी, जिले भी बन रहे थे, गरीबों को किट भी बंट रहे थे, महिलाओं को मोबाइल भी बंट रहे थे । ये सारी चीजे हो रही थी और इनसे कम कर्जा हमारे ऊपर था और आज ये हमसे ज्यादा कर्जा ले रहे हैं । कोई लेना देना है नहीं धरातल पर काम तो बताएं । 

सवाल- आए दिन एमओयू साइन हो रहे है, इसको लेकर क्या बोलेंगे ? 

जवाब- आपने जनवरी, फरवरी में आपने एमओयू किया है, लेकिन अब तो अगस्त आ गया, वो एमओयू तो दिखा दो । ये पहली बार ऐसा हो रहा है । ये सदन की भी अवमानना है, जिस विषय पर विधानसभा में चर्चा हो जाए, मुख्यमंत्री बजट में जिसकी घोषणा कर दें और आप एमओयू ही नहीं बताए कि आखिर एमओयू हुआ क्या है ?, आप क्यों छुपाना चाहते हो, आपको तो पहले दिन जिस दिन साइन हुए, उस दिन शाम को ही एमओयू की कॉपी मीडिया को दे देनी चाहिए थी, कि हमारा  राजस्थान और मध्यप्रदेश का एमओयू हुआ है । और इतना पानी मिलेगा, ऐसे ईआरसीपी आएगी । तो कहीं न कहीं गड़बड़ है, तो इसके अंदर चोरी है, इसका मतलब आपने राजस्थान के हितों को मध्यप्रदेश के सामने गिरवी रख दिया है । इसलिए एमओयू नहीं दिखा रहे । जब मोदी जी दो बार घोषणा कर जाए, अजमेर और जयपुर के अंदर और राजस्थान का जलशक्ति मंत्री हो और ईआरसीपी पूरी नहीं हो और वसुंधरा की स्कीम हो । सबसे पहले वसुंधरा जी ने ही इस स्कीम को बनाया था । सारी चीजे बीजेपी की जा रही है फिर भी इन्होंने नहीं किया । हमारा इनमें कोई लेना देना नहीं, हमारी घोषणा नहीं, हमारी स्कीम नहीं, इसके बावजूद भी हमने ईसरादा और नवनेरा बांध बनाने का काम किया । ईआरसीपी को अपने कंधे पर शुरू करने का हमने काम किया । ताकि प्रदेश की जनता विशेष रूप से अब 21 जिले जो है उस समय 13 जिले थे । उनका जो पानी का संकट है वो दूर हो, किसानों को सिंचाई का पानी मिले, उद्योगों को पानी मिले, तो ये हमारी सोच थी । ये लोग सिर्फ दिखावा करते है । ईआरसीपी लागू नहीं होना इनका फेलियर है, घोषणा इनकी थी, स्कीम इनकी थी, करना इनको था और उल्टा दोष हमें दे रहे हैं ये तो इनको जवाब देना चाहिए । 

सवाल - कांग्रेस में लंबे समय से नेतृत्व को लेकर खींचतान चल रही है, एक तरफ गहलोत और दूसरी तरफ पायलट के समर्थक हैं, ये खींचतान की लड़ाई पर क्या कहेंगे ? 

जवाब- खींचतान की कोई लड़ाई नहीं है, पार्टी के अंदर डेमोक्रेसी है, हम सब लोगों को राहुल जी महत्व देते हैं । सब लोगों का अपना-अपना काम है, काम कर रहे हैं । मेहनत तो सब अपनी-अपनी कर रहे हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है ये तो डेमोक्रेसी होनी चाहिए । बीजेपी में डेमोक्रेसी नहीं है, कांग्रेस में डेमोक्रेसी है । 

सवाल- तो आप ये मान के चल रहे हैं कि गहलोत और पायलट दोनों एक ही है । लेकिन नेतृत्व की लड़ाई तो है  । क्या कहेंगे ? 

जवाब- नहीं कोई लड़ाई नहीं है, नेतृत्व हमारे खड़गे जी हैं, राहुल गांधी जी हैं, नेतृत्व हमारा है, जिसको भी जिम्मेदारी देंगे वो काम कर रहे हैं । ऐसा नहीं है ये सब दिखावा, बनावटीपन इस प्रकार का मैसेज बीजेपी बार-बार देने की कोशिश करती है  । कांग्रेस पार्टी एक है, एकजुट है, सब लोग मिलकर लोकसभा के अंदर लड़े हैं, 11 सीटें इंडिया गठबंधन लेकर आई, आगे भी मिलकर चुनाव लड़ेंगे । अभी पंचायतीराज के चुनाव है, उपचुनाव है सब लोग पूरी तैयारी के साथ फील्ड में जाएंगे । औऱ जनता का जो कांग्रेस के प्रति मैसेज है, आज जिस प्रकार से कांग्रेस ने काम किया है । 10 साल हमारी दिल्ली के अंदर सरकार थी, हमने राइट टू एजुकेशन, राइट टू फूड, राइट टू एम्पलॉयमेंट हमने दिया, आरटीआई हमनें दी । ये सारी चीजे जो आम जनता को दी और देश ने जो तरक्की की उसका परिणाम है । आज मोदी जी कुछ भी कहते हो, डॉलर-रुपया बराबर करने की बात कर रहे थे आज डॉलर 90 छूने वाला है, जबकि पिछले 70 सालों में रुपया नहीं गिरा, उससे ज्यादा इन्होंने 10 सालों में गिरा दिया । बेरोजगारी दर हमारे समय में 75 साल में जितनी नहीं हुई,  इतनी इन्होंने इसको 10 सालों में कर दिया । जीडीपी की जितनी ग्रोथ जितनी डाउन हुई है, इस समय इनके टाइम में हुई है । दो करोड़ युवाओं को रोजगार दे रहे थे,  महंगाई कम कर रहे थे, भारत को विश्वगुरु बना रहे थे, पाकिस्तान और चीन को लाल आंख दिखा रहे थे । आज ये सारी चीजे कहां है, गंगा माता साफ हो गई तो आप बता दें, ये सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए 15 लाख खाते में आएंगे, 100 दिन में काला धन ले आऊंगा । ऐसे में काला धन पहले से कम हुआ है या ज्यादा हुआ है ये भी जरा बता दें । उस समय मोदी जी का ये बयान था कि 100 दिन में काला धन नहीं लेकर आऊं तो मुझे फांसी पर लटका देना । अब कौन लटकाएगा बताओ, नोटबंदी आपने की कितना नुकसान हुआ, किसका नुकसान हुआ, कितने लोग मर गए । आपके पास कोई जवाब नहीं होगा । जीएसटी आप लेकर आए हो, आपने कफन तक को नहीं छोड़ा । आप हिंदुत्व की बात करते हो, अगरबत्ती, मोमबत्ती पर आपने टैक्स लगा दिया । जीएसटी पर कितने संशोधन किए, क्या जल्दबाजी थी । वो सारी चीजे जनता के सामने लानी चाहिए थी । जिन मुद्दों पर ये लोग आए थे, उन मुद्दों पर बात नहीं करेंगे, नए मुद्दे पैदा कर दिए, जनता को आपस में लड़ा रखा है । जवाब देते नहीं । 

सवाल- जब राजस्थान में बीजेपी की सरकार आई थी, उस समय शांति धारीवाल ने एक बयान दिया था, कहा था कि बीजेपी की सरकार कांटों की तरह हैं पीछे के दोनों पहिये, दोनों उप मुख्यमंत्री हैं, आगे का पहिया मुख्यमंत्री हैं और ड्राइवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, क्या कुछ कहेंगे ?    
   
जवाब-
उन्होंने बयान के संदर्भ में दिया था, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि डबल इंजन डबल इंजन की जो बात चल रही है, लेकिन कोई सा भी इंजन काम नहीं कर रहा है, इन इंजनों की दिशा बदल गई है, एक इधर चल रहा है, एक उधर चल रहा है । बड़े इंजन का मुंह आंध्र और बिहार की तरफ हो गया, राजस्थान की तरफ उसका मुंह नहीं है । और हमारा वाला इंजन खाली दिल्ली के चक्कर काटकर आ रहा है, कुछ मिला नहीं बजट में, जिससे पूरे प्रदेश को निराशा हो रही हैं । 

सवाल- विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ऐसा देखने को मिल रहा है, कि जो बीजेपी के विधायक है वो ही अपनी सरकार से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं । क्या कहेंगे ? 

जवाब- वो भी नहीं है और हम भी नहीं है, हम भी जो प्रश्न पूछते हैं, इसका जवाब इनके मंत्री सही तरीके से नहीं दे पा रहे हैं । और सरकार की जो जिम्मेदारी होनी चाहिए आप सारी चीजे ये कहो कि पिछली कांग्रेस ने नहीं की, तो आप जीतकर आ गए अब तो आप बताओ । आप अवैध खनन के खिलाफ बहुत बड़ी बड़ी बाते कर रहे थे, आपके समय में अवैध खनन अब चरम पर हो गया । चाहे बजरी का हो, चाहे पत्थर का हो , चाहे जिप्सम का हो, बहुत बुरा हाल है । पुलिस को कुचला जा रहा है । एसडीएम पुलिस मांगते है तो पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती है । अभियान आपने चलाया और अभियान आपने बंद कर दिया, कारण क्या रहा बता नहीं रहे । और इनके विधायक सही कह रहे हैं । ये बात अलग है कि विधायक पार्टी से जुड़ा हुआ रहता है । लेकिन इसी के साथ विधायक की जनता के साथ जिम्मेदारी भी हैं । अपने क्षेत्र की जनता से वादा भी करके आए हैं कि वो उनकी बात को रखेंगे, हर चीज में पार्टी की बात नहीं होती है । काफी विधायकों ने लगाए है खाद्य सुरक्षा के कार्ड खोलने चाहिए । नहीं खोल रहे, 10 साल से मोदी जी ने बैन लगा रखा है । एक शब्द नहीं है बोलने के लिए इनके पास, तो कानून व्यवस्था जिस प्रकार से चरमराई हुई है । उदयपुर में किस प्रकार से तलवार से एक दलित को काट दिया गया । झुंझुनूं में शराब के ठेकेदारों ने एक दलित को वहां से शराब नहीं खरीदने की वजह से पीट-पीटकर मार दिया । ऐसी 10 घटनाएं हुए राजस्थान में जिसमें पीट-पीटकर बेहरमी से हत्या की है । वैसे तो चोरी, डकैती, लूट, मर्डर ये तो अलग है । महिलाओं पर पहले से ज्यादा अत्याचार बढ़ हैं । जो ये कह रहे थे नहीं सहेगा राजस्थान, अब कहां चले गए । अब क्यों नहीं बयान देते हैं, इसको लेकर इनके विधायक भी घेर रहे हैं और हम भी घेर रहे हैं । 

सवाल- राइजनिंग राजस्थान इनवेस्टमेंट समिट को लेकर क्या कुछ कहेंगे ? 
  
जवाब-
अभी देखते हैं, अभी तो ये लोग कह रहे है कि आपसे अच्छी समिट करेंगे, लेकिन मैं ये कहना चाहूंगा कि कोविड होने के बाद और हमने जो समिट किया था, उसके अंदर जितने एमओयू हुए वो धरातल पर आए और पहली बार ऐसा था कि एमओयू हो रहे थे और हाथों हाथ एलओआईवी भी जारी हो रही थी । पहले इन्वेस्टर आते थे और वादे करके चले जाते थे । कितना इनवेस्ट लेकर आएंगे, लेकिन समिट में हाथों हाथ एमओयू हुए और काम हुए ।   
 


Content Editor

Chandra Prakash

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