हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान की अखिल भारतीय बैठक संपन्न, कार्यों का मूल्यांकन और नई योजनाओं पर चर्चा

Sunday, Aug 31, 2025-06:07 PM (IST)

जयपुर, 31 अगस्त 2025 । हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान की अखिल भारतीय बैठक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का 31 अगस्त को समापन हुआ 2 दिन चली इस बैठक का हिंदू आध्यात्मिक सेवा संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक गुणवंत कोठारी ने दीप प्रज्ज्वलन कर बैठक का शुभारंभ किया ।

प्रदेश सचिव सोमकांत शर्मा ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य पूरे वर्ष वर्ष किए गए कार्यों का मूल्यांकन एवं आगामी वर्षों में क्या-क्या कार्य किए जाएंगे, उन सब की योजना पर चर्चा की गई । बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रवि अय्यर, स्वांत रंजन, मूलचंद सोनी, हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के उत्तर क्षेत्र संयोजक अमरनाथ , काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर गिरीश त्रिपाठी, हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा  संस्थान  राजस्थान के चेयरपर्सन किशोर रूंगटा, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बापना, कोषाध्यक्ष दिनेश पितलिया, माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष उमेश, माहेश्वरी समाज के पूर्व महासचिव सुभाष सिंघी मौजूद रहे ।

गर्व से कहो हम हिंदू हैं: गुणवंत कोठारी

गुणवंत कोठारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं 1995 के सुप्रीम कोर्ट डिसीजन ने भी यह कहा है कि हिंदू एक जीवन पद्धति है, जीव को ब्रह्म तक पहुंचाने की विधि हिंदू जीवन में ही है । पहले सभी पक्षियों की चिंता की जाती थी पक्षी अंडे कहां देंगे, इसके लिए पहले घरों में मौखा होता था । वेस्टर्न कल्चर के चलते किचनलेस होम, बड़ों के पैर ना छूना आदि व्यवस्थाओं को जन्म दिया है जो कि भारतीय संस्कृति को तोड़ने के लिए एक षड्यंत्र है ।

किशोर रूंगटा ने कहा कि आज तक 200 वर्षों की अंग्रेजों की गुलामी की ही बात की गई 800 वर्षों तक जो मुगलों की गुलामी हुई उसकी कभी बात नहीं की गई भारतवर्ष में अगर जनजातियाँ नहीं होती तो महाराणा प्रताप गुरु गोविंद सिंह जी शिवाजी आदि जीत नहीं पाते भारतीय जनजातियों का बहुत योगदान रहा है

रवि अय्यर ने कहा कि मैक्समूलर ने संस्कृत में यूरोप में भाषण दिया था । 108 नंबर चमत्कारी नंबर है इस नंबर को यदि सूर्य के व्यास एवं चंद्रमा के व्यास से गुना किया जाए तो सूर्य और पृथ्वी की दूरी का पता किया जा सकता है यह प्राचीन भारत में ही सिद्ध हो गया था ।

स्वांत रंजन ने कहा कि गज वंदन नाग वंदन करना प्रतीक है, कि जो संपूर्ण सराचर प्रकृति है उसके साथ सामंजस्य बनाकर चलना है पश्चिम के लोग बासी फ्रिज का भोजन करते हैं जो कई बीमारियों का कारण है । भारत में भोजन में मसाले होते हैं जो कि औषधियों का स्वरूप है । हमारी भारतीय परंपरा ही सर्वश्रेष्ठ है । 
 


Content Editor

Chandra Prakash

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