जापान सहित देशभर के कृषि विशेषज्ञ पहुंचे बारां के अमलावदा में, किसानों से साझा किए तकनीकी पहलू, विस्तृत चर्चा
Thursday, Nov 21, 2024-08:35 PM (IST)
बारां, 21 नवंबर 2024 । राजस्थान के बारां जिले के किशनगंज में लघु बागवानी सशक्तिकरण एवं संवर्धन योजना के तहत जापान के प्रतिनिधि सहित देश के 8 राज्यों के उच्च अधिकारियों ने जिले के उद्यानिकी फसलों का जायजा लिया। प्रतिनिधिमंडल ने किशनगंज क्षेत्र के अमलावदा का भ्रमण कर किसानों से विस्तृत चर्चा की। ग्रामीणों ने अतिथियों का फूल मालाओं व ढोल बजे के साथ स्वागत किया।
जायजा लेने आए जापान के जायका टीम प्रतिनिधि फिरुचि सींगों, ताकेशी आईखेड़ा, हीरता मोमो, निशथा वेगोर मौजूद रहे। इसके अलावा देश के 8 राज्यों से पहुंचे अधिकारियों में डॉ.उमेश बाबू नेशनल कंसल्टेंट बंगलौर, विभाग के अधिकारी डॉ. पीके सह संयुक्त निदेशक उद्यान कोटा खंड, बारां से संयुक्त निदेशक कृषि अतीश कुमार शर्मा, आनंदीलाल मीणा उपनिदेशक उद्यान कार्यालय, महेंद्र कुमार मीणा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जल संसाधन विभाग बारां, राजीविका से प्रशांत राय चौरसिया, कृषि अधिकारी मोनिका मीणा, विमल खींची, कृषि विभाग वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक मनमीत नागर, मनोज मीणा, प्रभारी दीनदयाल मीणा भी उपस्थित रहे।
अमलावदा पहुंच जायजा लिया
आठ राज्यों के अधिकारियों ने अमलावदा ग्राम के प्रगतिशील कृषक हुकुमचंद प्रजापत के खेत का अवलोकन किया। जहां पर उद्यान विभाग द्वारा अनुदानित मिनी स्प्रिंकलर सिचाई संयंत्र, लौटनल, खेत तलाई आदि के साथ-साथ प्याज ,लहसुन, तरबूज, बैगन, मटर की खेती का भी अवलोकन किया।
जापान के अधिकारियों ने लघु कृषि से जुड़े प्रत्येक किसानों से चर्चा करते हुए लघु बागवानी सशक्तिकरण एवं संवर्धन योजना के तहत कम लगात से अच्छे मुनाफे के बारे में जानकारी दी। लघु बागवानी सशक्तिकरण एवं संवर्धन योजना के तहत राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना व जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी पोषित शेप कांसेप्ट के तहत जापान के प्रतिनिधि व पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, झारखंड, मेघालय, तमिलनाडु, उत्तराखंड व पश्चिम बंगाल के उच्च अधिकारी उड़ान की तकनीक एवं बागवानी फसलों का अध्ययन करने के लिए यहां पहुंचे थे।
उन्होंने बारां जिले के किशनगंज ब्लॉक के कृषि हित समूह के किसानों की हाइटेक हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स का निरीक्षण किया। जापान एवं 8 राज्यों के अधिकारियों द्वारा भ्रमण के दौरान वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक मनमीत नागर ने बताया कि राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र के किसान लाभार्थियों की आजीविका में सुधार करना है। फिरुचि सींगों, ताकेशी आईखेड़ा ने जल उपयोगकर्ता समूहों पर भागीदारी सिचाई प्रबंधन को लागू करके सुविधाओं के स्थाई संचालन और प्रबंधन की जानकारी दी। इसका लक्ष्य किसानों की मानसिकता को बदलने में मदद करना है।
डॉ. उमेश बाबू नेशनल कंसल्टेंट बंगलौर ने बताया कि जापान के प्रतिनिधि एवं देश के आठ राज्यों के उच्च अधिकारियों का भ्रमण जिले व किशनगंज क्षेत्र के किसानों में आधुनिक तकनीकी फसलों के लिए वरदान साबित होगा।