700 ग्राम के शिशु को मिला जीवन, 6 माह की गर्भावस्था में हुआ था जन्म

Saturday, Aug 24, 2024-08:46 PM (IST)


जैसलमेर, 24 अगस्त 2024 । कहते है मारने से बचाने वाला बड़ा होता है। हाल ही में ऐसा वाकया जैसलमेर में देखने को मिला हैं। मात्र 6 माह के गर्भकाल के बाद जन्मे 700 ग्राम के बच्चे को डॉक्टरों ने अपनी कड़ी मेहनत के बाद बचा लिया हैं। गोल्डन सिटी हॉस्पिटल जैसलमेर के शिशु रोग विशेषज्ञ एवं डायरेक्टर डॉ. दीपक वैष्णव ने बताया कि मोहनगढ़ गांव की एक महिला का मात्र छह माह की गर्भावस्था में ही शिशु का जन्म हो गया । 

जन्म के समय  शिशु का वजन मात्र  700 ग्राम था । महिला के इससे पहले भी नौ शिशु जन्म लेने के कारण जिवित नहीं रह सके थे । इस बार भी जब महिला को समय से पूर्व ही प्रसव पीड़ा होने लगी, तो परिजनों ने गोल्डन सिटी हॉस्पिटल में प्रसव कराने का निर्णय  लिया । गोल्डन सिटी हॉस्पिटल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मेघा वैष्णव ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया । शिशु को जन्म के समय वजन कम होने के साथ साथ सांस लेने में भी दिक्कत थी। ऐसे में शिशु को तुरंत वेंटिलेटर पर लिया गया। दो दिन बाद सांस में दिक्कत कुछ कम होने पर बच्चे को cpap मशीन से  सांस दी गई । लेकिन  समय से पूर्व जन्म के कारण कुछ ही दिन बाद बच्चे को बार-बार सांस रोक लेने की बीमारी के चलते उसे फिर से वेंटिलेटर मशीन पर लेना पड़ा तथा कुछ दिन वेंटिलेटर पर ही रखना पड़ा। बच्चे को पीलिया भी हो गया था, जिसका फोटोथेरेपी द्वारा समुचित उपचार किया गया। शिशु  में दूध पीने की क्षमता ना होने के कारण उसे मुंह में नली के द्वारा दूध पिलाया गया । 

PunjabKesari

चिकित्सक एवं नर्सिंग कर्मियों की मेहनत, लगातार मॉनिटरिंग, आवश्यक चिकित्सकीय उपचार तथा चिकित्सालय में उपलब्ध आधुनिक उपकरणों के चलते धीरे-धीरे शिशु  के स्वास्थ्य में सुधार होने लगा और वजन भी बढ़ने लगा। इस प्रकार करीब ढाई महीने गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती रखने के पश्चात्त शिशु के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए आज शिशु को अस्पताल से छुट्टी दे गई है। अपने बच्चे को सुरक्षित एवं स्वस्थ पाकर प्रसन्न परिजनों ने बताया कि  उन्होंने सुना था कि जैसलमेर में ही गोल्डन सिटी हॉस्पिटल में समय पूर्व जन्म लेने वाले शिशुओ का अच्छा इलाज होता है । हम इसी उम्मीद के साथ इस हॉस्पिटल आए थे और आज हम अपने शिशु को स्वस्थ एवं सुरक्षित देख कर बहुत खुश है । 
 


Content Editor

Chandra Prakash

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News