राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने लड़कियों को दे दी ये बड़ी नसीहत
Friday, Feb 21, 2025-01:34 PM (IST)
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राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का छात्राओं को सशक्त संदेश
गुरुवार को राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को आत्मरक्षा और साहस का पाठ पढ़ाया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई उनके साथ अनुचित व्यवहार करता है, तो उसे चप्पल से मारने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। उनके इस बयान ने छात्राओं के मनोबल को बढ़ाया और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
राज्यपाल ने कहा, “लड़कियों को हिम्मत दिखानी चाहिए। अगर कोई बदतमीजी करे, तो उसे थप्पड़ मारो या चप्पल से पीटो। डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि हिम्मत से काम लेना चाहिए।” इस बयान के माध्यम से उन्होंने महिलाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने और अन्याय का डटकर सामना करने की प्रेरणा दी।
राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में राज्यपाल की उपस्थिति
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे अलवर के राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के दूसरे चरण के निर्माण कार्य का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए उनकी बहादुरी की तारीफ की और उन्हें नैतिक मूल्यों को बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना जरूरी है और किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
राज्यपाल ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समाज की सोच में बदलाव की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता और आत्मरक्षा का पाठ हर लड़की को सीखना चाहिए ताकि वे किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थितियों का डटकर सामना कर सकें।
मोबाइल छोड़ो, दौड़ो और अपराधी को पकड़ो
राज्यपाल ने समाज में बढ़ती संवेदनहीनता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई गलत घटना होती है, लोग मदद करने के बजाय वीडियो बनाने लगते हैं, जो बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “अगर किसी लड़की के साथ कोई छेड़छाड़ हो रही है, तो लोग फोन निकालकर रिकॉर्डिंग करने लगते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। मोबाइल छोड़ो, दौड़ो और अपराधी को पकड़ो। पुलिस के आने का इंतजार मत करो, क्योंकि जब तक वे पहुंचेंगी, तब तक अपराध हो चुका होगा। समाज की इस सोच को बदलना होगा।”
राज्यपाल ने उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि जब भी कोई महिला या लड़की किसी अपराध का शिकार हो रही हो, तो उसे बचाने के लिए तुरंत कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराध को रोकने के लिए समाज को जागरूक और सक्रिय होने की आवश्यकता है।
शिक्षा में बदलाव की जरूरत
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और समयानुसार बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों को समय के अनुसार अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सिर्फ डिग्री लेना ही काफी नहीं है, बल्कि ज्ञान और योग्यता सबसे ज्यादा मायने रखते हैं।
उन्होंने कहा, “पहले के समय में डिग्री कम होती थी और नौकरियां ज्यादा, लेकिन अब हर किसी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वे आरक्षण के दायरे में हों या नहीं। असली पहचान आपकी बौद्धिक क्षमता से होती है।”
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे शिक्षा को केवल नौकरी पाने का माध्यम न समझें, बल्कि उसे अपने व्यक्तित्व के विकास और समाज में बदलाव लाने के एक सशक्त साधन के रूप में अपनाएं।
छात्राओं को आत्मरक्षा का महत्व समझाया
राज्यपाल ने छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्व को समझाते हुए कहा कि उन्हें किसी भी परिस्थिति में डरना नहीं चाहिए, बल्कि अपनी हिम्मत और सूझबूझ से स्थिति को नियंत्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के लिए लड़कियों को मार्शल आर्ट, कराटे और अन्य रक्षा तकनीकों को सीखने पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा केवल शारीरिक नहीं होती, बल्कि मानसिक भी होती है। लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने और हर स्थिति का सामना करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए।
समाज में बदलाव की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच को बदलना होगा। महिलाओं की सुरक्षा केवल सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर नागरिक को इसमें अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना को मजबूत करने के लिए शिक्षा, परिवार और समाज को मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि जब तक समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं आएगी, तब तक बदलाव संभव नहीं होगा। उन्होंने अपील की कि सभी लोग महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का यह बयान समाज के हर वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश था। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मरक्षक बनने की प्रेरणा दी। साथ ही, उन्होंने समाज को यह भी याद दिलाया कि महिलाओं की सुरक्षा केवल कानून व्यवस्था से नहीं, बल्कि समाज की जागरूकता और सक्रियता से सुनिश्चित की जा सकती है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से राज्यपाल ने लड़कियों को यह विश्वास दिलाया कि वे किसी से कम नहीं हैं और अगर उन्हें अपने सम्मान की रक्षा करनी हो, तो वे हर संभव कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने आत्मरक्षा, नैतिकता, शिक्षा और समाज में बदलाव की जरूरत पर बल देते हुए महिलाओं को सशक्त बनने की प्रेरणा दी।