भाजपा विधायक बोले- सदन तुम्हारे बाप की बपौती नहीं !
Wednesday, Jan 29, 2025-03:34 PM (IST)
जिला परिषद की बैठक में BAP और कांग्रेस MLA पर भड़के बीजेपी विधायक
बांसवाड़ा में मंगलवार को जिला परिषद के जनजाति सभागार में साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और जनप्रतिनिधियों ने अपनी चिंताओं और असंतोष को मुखर रूप से व्यक्त किया। बैठक में कांग्रेस के बांसवाड़ा विधायक अर्जुन सिंह बामनिया और भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक जयकृष्ण पटेल ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। उन्होंने अपनी नाराजगी जताने के लिए मेज थपथपाई, जिससे भाजपा विधायक कैलाश मीणा नाराज हो गए।
बैठक में गरमाया माहौल
विधायक अर्जुन सिंह बामनिया और जयकृष्ण पटेल के मेज थपथपाने की हरकत से कैलाश मीणा भड़क उठे। उन्होंने तुरंत खड़े होकर दोनों विधायकों को फटकार लगाई और कहा कि यह सदन है, यहां किसी प्रकार की दादागिरी नहीं चलेगी। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, "पहले तमीज सीखिए, यह सदन है, कोई सड़क नहीं जहां इस तरह टेबल ठोकी जाए।" इस विवाद के दौरान आरोप लगे कि कैलाश मीणा ने सभा में बागीदौरा विधायक और कांग्रेस विधायक के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। हालांकि, अन्य सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत किया गया।
ट्रांसफर पर उठा विवाद
सभा की कार्यवाही के दौरान पंचायत राज विभाग में हाल ही में हुए लिपिक और ग्राम विकास अधिकारियों के तबादलों पर बामनिया और जयकृष्ण पटेल ने नाराजगी जताई। इन विधायकों ने मंच से उतरकर इस निर्णय का विरोध किया। जयकृष्ण पटेल ने तर्क दिया कि सरकार ने पंचायतों और चिकित्सा विभाग में मनमाने ढंग से ट्रांसफर किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले से ही कई पद खाली पड़े हैं, लेकिन उन्हें भरने के बजाय कर्मचारियों के मनमाफिक तबादले किए गए। इस वजह से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पटेल ने यह भी कहा कि जब एक सचिव का ट्रांसफर होता है, तो उसकी आईडी मैप करने में एक महीना लग जाता है। इससे मनरेगा और आवास योजना जैसी योजनाओं के काम ठप हो जाते हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि सरकार इस तरह से तबादले कर आखिर जनता को क्यों परेशान कर रही है? लंबे समय तक विरोध के बाद, ट्रांसफर किए गए कर्मियों को उनकी पूर्व की स्थिति में बहाल करने पर सहमति बनी।
मां बाड़ी बंद करने का मुद्दा
बैठक में बामनिया ने कांग्रेस सरकार के दौरान स्वीकृत मां बाड़ी को बंद करने का मुद्दा उठाया। इस पर जिला प्रमुख ने पलटवार किया और कहा कि बामनिया ने भी भाजपा सरकार में मंत्री धनसिंह रावत के कार्यकाल में स्वीकृत मां बाड़ी को बंद कर दिया था। उन्होंने बामनिया को याद दिलाया कि जब वे मंत्री थे, तब साधारण सभा में एक भी बार नहीं आए। अब विपक्ष में रहते हुए वे विरोध करने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब बामनिया सत्ता में थे, तब वे महज दो बार ही बैठक में आए। मालवीया मंत्री बनने के बाद तो उन्होंने बैठक में आना ही छोड़ दिया था।
PWD विभाग पर चर्चा
सभा की शुरुआत लोक निर्माण विभाग (PWD) से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के साथ हुई। विधायक अर्जुन सिंह बामनिया और जिला परिषद के अन्य सदस्यों ने सड़कों के किनारे झाड़ियों की कटाई नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। बामनिया ने आरोप लगाया कि हर बार अधिकारी झूठी जानकारी देते हैं और गुमराह करते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा यह दावा किया जाता है कि सभी काम पूरे कर दिए गए हैं, लेकिन वास्तव में धरातल पर कोई काम नहीं हुआ। इसके अलावा, सड़कों की मरम्मत नहीं होने का मुद्दा भी प्रमुख रूप से उठाया गया।
बिजली विभाग को लेकर रोष
बैठक में बिजली विभाग से जुड़े मुद्दों पर भी जनप्रतिनिधियों ने अपनी नाराजगी प्रकट की। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर लगाने के लिए गरीब लोगों से अवैध रूप से पैसे वसूलने के आरोप लगाए गए। गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसई) को निर्देश दिए कि संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने के भी निर्देश दिए।
इसके अलावा, जिला परिषद के सदस्यों ने गांवों में अघोषित बिजली कटौती की शिकायत की और अधिकारियों द्वारा फोन कॉल न उठाने पर गहरी नाराजगी जताई। सदस्यों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
अन्य प्रमुख मुद्दे
बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें जल आपूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और ग्रामीण विकास शामिल रहे। जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से मांग की कि सभी विभागों के अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए और विकास कार्यों में तेजी लाई जाए।
इस बैठक में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई। विधायक अर्जुन सिंह बामनिया और जयकृष्ण पटेल द्वारा उठाए गए सवालों को गंभीरता से लिया गया और कई मुद्दों पर सहमति बनी। वहीं, भाजपा विधायक कैलाश मीणा द्वारा विधायकों को दी गई नसीहत और उनके कड़े निर्देशों ने बैठक के माहौल को गरमा दिया। अंततः, सभी पक्षों ने जनता की समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।