जब महिलाएं ही असुरक्षित महसूस करें, तो कैसे कहलाएगा सुरक्षित शहर?

Saturday, Sep 13, 2025-12:10 PM (IST)

जयपुर।  भले ही जयपुर पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर दंभ भरे, लेकिन हकीकत इससे कुछ अलग है। नेशनल एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स ऑन वीमेन सेफ्टी (एनएआरआई) की रिपोर्ट में जयपुर महिलाओं के लिए सबसे कम सुरक्षित शहरों में गिना गया है। 31 शहरों की रैंकिंग में यह 26 वें पायदान पर है। रिपोर्ट में देश में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर नगालैंड की राजधानी कोहिमा को माना गया है। इसके बाद विशाखापट्टनम और भुवनेश्वर का नंबर आता है। रिपोर्ट की मानें तो जयपुर की 8 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि जयपुर महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है।  राजधानी की 8 प्रतिशत महिलाएं उत्पीड़न का शिकार हुई है, यह राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। वहीं, 31 प्रतिशत ने दिन तो 10 फीसदी ने रात में शहर को अत्यधिक सुरक्षित माना। 17 फीसदी महिलाओं ने शहर के बुनियादी ढांचे को अत्यधिक सुरक्षित बताया, जबकि 11 प्रतिशत ने इसे सुरक्षित माना। इसी तरह, 24 फीसदी महिलाओं ने प्रशासनिक व्यवस्था को अत्यधिक सुरक्षित तो 12 प्रतिशत ने अत्यधिक असुरक्षित बताया। महिला सुरक्षा में जयपुर का प्रदर्शन स्कोर 59.1 प्रतिशत रहा, जो राष्ट्रीय औसत 64.6 प्रतिशत कम है। रिपोर्ट के अनुसार देश में 24 साल से कम आयु वाली महिलाओं को सबसे ज्यादा जोखिम वाले एज ग्रुप में जगह दी गई। इस आयु वर्ग की 14 फीसदी युवतियों ने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। वहीं, देश में मौखिक उत्पीड़न सबसे आम है, जो कि 58 फीसदी था। इसके बाद, आस-पड़ोस 38 फीसदी और परिवहन 29 फीसदी का स्थान आता है। 86 प्रतिशत महिलाएं दिन के उजाले में शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षित महसूस करती हैं, वहीं रात में या परिसर के बाहर सुरक्षा की धारणा में भारी गिरावट देखी गई। यह रिपोर्ट देश के 31 शहरों की 12,770 महिलाओं की रायशुमारी पर आधारित है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा स्कोर 65 प्रतिशत रखा गया है। शहरों को इस मानक पर 5 श्रेणियों में बांटा गया है। ये काफी ऊपर, ऊपर, समान, नीचे और काफी नीचे श्रेणी हैं। सर्वे में शामिल एक चौथाई महिलाओं ने कहा कि उन्हें सुरक्षा से जुड़ी शिकायतों पर अधिकारियों के प्रभावी कार्रवाई करने का भरोसा है। 69 फीसदी महिलाएं मौजूदा सुरक्षा प्रयासों को कुछ हद तक पर्याप्त तो 30 प्रतिशत से ज्यादा अहम खामियां गिनाई। सिर्फ 65 प्रतिशत ने ही 2023-2024 के दौरान इसमें वास्तविक सुधार आने की बात कही।


Content Editor

Kailash Singh

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