घेवर की मिठास अब सात समंदर पार: सालाना 200 करोड़ का कारोबार, 365 दिन बन रही है जयपुर की ये खास मिठाई

Friday, Jul 25, 2025-05:39 PM (IST)

जयपुर | राजस्थान की शान कही जाने वाली तीज की पारंपरिक मिठाई घेवर अब त्योहारों की सीमाओं को लांघकर पूरे साल लोगों की पसंद बन चुकी है। जयपुर का यह खास मिष्ठान्न अब देश ही नहीं, विदेशों में भी लोकप्रियता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। ऑनलाइन माध्यमों से घेवर के विदेशों से सालाना 10,000 से अधिक ऑर्डर मिल रहे हैं, और यह आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है।

घेवर की वैश्विक मिठास
जयपुर से अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड्स और यूएई जैसे देशों में घेवर भेजा जा रहा है। विदेशी पार्टियों, शादी समारोहों और पारिवारिक आयोजनों में भी अब घेवर को मिठाई की सूची में प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है। विदेशों में भेजे जा रहे घेवर को खास पैकिंग में 2 से 5 दिन के भीतर सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है।

रबड़ी वाले घेवर की सबसे ज्यादा डिमांड
आज घेवर सिर्फ पारंपरिक नहीं रहा, बल्कि रबड़ी घेवर की मांग सबसे तेज़ी से बढ़ी है। वहीं, आधुनिक स्वादों के लिए बिस्कॉफ, मैंगो, स्ट्रॉबेरी और चॉकलेट फ्लेवर में भी घेवर अब बाजार में उपलब्ध है। इनकी पैकिंग गिफ्टिंग फ्रेंडली बनाई जा रही है।

200 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार
घेवर का बाजार अब 200 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। मिठाई विक्रेताओं के मुताबिक, त्योहारों पर कारीगरों की अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ती है क्योंकि घेवर की मांग सालभर बनी रहती है।

300 साल पुरानी परंपरा
घेवर बनाने की परंपरा जयपुर में लगभग 1750 से चली आ रही है। सवाई जयसिंह पर लिखी गई एक ऐतिहासिक पुस्तक में इसका उल्लेख मिलता है। उस दौर में ब्रिटिश अधिकारियों और राजाओं को घेवर भेजा जाता था।

घेवर के आकार और कीमत
50 ग्राम से सवा किलो तक के घेवर उपलब्ध

देशी घी वाला घेवर: ₹750 से ₹1200 प्रति किलो

वनस्पति घी वाला घेवर: ₹350 से ₹500 प्रति किलो
 


Content Editor

Kuldeep Kundara

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