मुख्यमंत्री के काफिले में घुसी तेज रफ्तार कार
Thursday, Dec 12, 2024-03:02 PM (IST)
राजधानी जयपुर में सुरक्षा में बड़ी चूक
राजधानी जयपुर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। घटना जगतपुरा स्थित महल रोड की है, जहां पहले मुख्यमंत्री के काफिले में एक तेज रफ्तार कार घुस गई और उसके करीब पौन घंटे बाद उपराष्ट्रपति के काफिले में गैस सिलेंडरों से भरा ट्रक शामिल हो गया।
मुख्यमंत्री के काफिले में घुसी तेज रफ्तार कार
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले में एक तेज रफ्तार कार ने हड़कंप मचा दिया। सीतापुरा की ओर जाते समय, यह कार 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कुंभा मार्ग से आई और रॉन्ग साइड से चौराहे की ओर बढ़ते हुए सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ दिया।
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महिला कांस्टेबल का साहस:
एक महिला कांस्टेबल ने कार को रोकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने रफ्तार कम नहीं की। कांस्टेबल को डिवाइडर पर चढ़कर अपनी जान बचानी पड़ी। -
ट्रैफिक पुलिस की कोशिश:
ट्रैफिक पुलिस के एएसआई सुरेंद्र सिंह ने भी कार को रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार ने उन्हें टक्कर मार दी। सुरेंद्र सिंह करीब 40 फीट दूर जा गिरे। -
पायलट कार को टक्कर:
कार ने काफिले की पायलट कार को भी टक्कर मारी, जिससे एसीपी अमीर हसन और कांस्टेबल बलवान सिंह घायल हो गए। -
काफिले की अन्य गाड़ी भी दुर्घटनाग्रस्त:
एक अन्य गाड़ी लोहे की रेलिंग तोड़ते हुए डिवाइडर पर चढ़ गई, जिसमें देवेंद्र सिंह और राजेंद्र सिंह घायल हो गए।
मुख्यमंत्री ने दिखाई संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री ने मौके पर घायल पुलिसकर्मियों की मदद की और उन्हें जीवन रेखा अस्पताल पहुंचाया।
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हालांकि, इलाज के दौरान एएसआई सुरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया।
- गंभीर रूप से घायल कार चालक पवन को भी मुख्यमंत्री ने अपनी गाड़ी से महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
उपराष्ट्रपति के काफिले में गैस सिलेंडरों से लदा ट्रक
घटना के पौन घंटे बाद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का काफिला उसी स्थान से गुजरा। इस बार सुरक्षा में गैस सिलेंडरों से लदा ट्रक शामिल हो गया और काफिले के साथ ही चलता रहा।
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प्रत्यक्षदर्शियों का बयान:
घटना के समय रूट पर आम यातायात बंद था, फिर भी यह गंभीर चूक हुई।
वीआईपी सुरक्षा पर सवाल
इन घटनाओं ने वीआईपी सुरक्षा की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- सुरक्षा में शामिल अधिकारियों की लापरवाही की जांच होनी चाहिए।
- यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस प्रकार की चूक न हो।