राजस्थान पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकलपीठ के आदेश पर लगाई रोक
Monday, Aug 25, 2025-08:16 PM (IST)

राजस्थान में पंचायत चुनावों को लेकर हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश पर डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी है। 18 अगस्त को एकलपीठ ने राज्य सरकार को जल्द पंचायत चुनाव कराने के लिए निर्देश दिया था, साथ ही सरकार के प्रशासकों को हटाने के आदेश पर भी रोक लगाई थी।
राज्य सरकार ने इस आदेश को चुनौती दी और डिवीजन बेंच में अपील की, जिसमें महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने तर्क दिया कि पंचायत चुनावों से जुड़ी जनहित याचिका और परिसीमन से जुड़े मामलों पर पहले ही डिवीजन बेंच सुनवाई कर चुकी है और फैसला रिजर्व कर लिया गया है, ऐसे में एकलपीठ को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए।
सरकार की योजना:
राज्य सरकार का कहना है कि वह सभी पंचायतों और निकायों के चुनाव एक साथ कराना चाहती है। इसके लिए कार्यकाल पूरा कर चुके सरपंचों को अस्थाई तौर पर प्रशासक नियुक्त किया गया था, ताकि पंचायतों के दैनिक कामकाज में कोई विघ्न न आए। हालांकि, कुछ प्रशासकों की शिकायतों के बाद उन्हें हटाया गया। सरकार का कहना है कि इन हटाए गए प्रशासकों को किसी भी प्रकार की विधिक क्षति नहीं हुई है, क्योंकि नए चुनावों के बाद ये प्रशासक वैसे भी हटाए जाने थे।
आयोग और सरकार के बीच टकराव:
हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयोग ने जल्द चुनाव कराने की घोषणा की थी। लेकिन सरकार का कहना है कि वह "वन स्टेट वन इलेक्शन" के तहत सभी चुनाव एक साथ कराना चाहती है, जिससे आयोग और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई। सरकार का कहना है कि पंचायत और निकायों के परिसीमन में समय लगा है, साथ ही नए जिले बनने पर वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है, जिससे चुनाव कराने में समय की जरूरत है।
क्या होगा अगला कदम?
इस मामले में डिवीजन बेंच का निर्णय आने वाले दिनों में अहम होगा, क्योंकि सरकार और चुनाव आयोग के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उच्च न्यायालय इस विवाद को कैसे सुलझाता है और राज्य सरकार की "वन स्टेट वन इलेक्शन" की योजना को कैसे प्रभावित करता है।