पुष्कर मेले का भव्य समापन! बस्सी नागा, जोबनेर के दो मादा अश्व बने विजेता
Wednesday, Nov 05, 2025-03:36 PM (IST)
अजमेर। राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले का समापन भव्य रूप से हुआ, जिसमें एक बार फिर मारवाड़ी अश्वों की महिमा का बखान किया गया। इस साल के मेले में जयपुर स्टड फ़ार्म के दो मादा अश्वों, जो कि बस्सी नागा, जोबनेर से हैं, ने “दो-दाँत बच्छेरी प्रतियोगिता” में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। यह उपलब्धि क्षेत्र के अश्व पालकों और अश्व प्रेमियों के लिए गर्व का कारण बनी है, क्योंकि जयपुर में उच्च गुणवत्ता वाले मारवाड़ी अश्व फार्मों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
जयपुर स्टड फ़ार्म के मालिक मुकेश वर्मा कुमावत ने इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, “हमारे लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि हमारी दो मादा अश्वों ने इस प्रतियोगिता में शीर्ष स्थानों पर जगह बनाई है और हमारे फार्म का नाम रोशन किया है। यह हमारे क्षेत्र और राजस्थान के लिए गर्व की बात है।” समापन समारोह के दिन मेले में एक अनूठा सांस्कृतिक और खेल आयोजन हुआ, जिसका मुख्य आकर्षण देसी और विदेशी महिलाओं के बीच रस्साकशी का रोमांचक मुकाबला रहा।

देसी महिलाओं का शुरुआती दबदबा
पुष्कर मेले के समापन समारोह में रस्साकशी की प्रतियोगिता ने सभी का ध्यान खींचा। पहली पारी में राजस्थान की ग्रामीण महिलाओं से बनी देसी टीम ने अद्भुत ताकत और तालमेल का प्रदर्शन करते हुए महज 2 मिनट में ही विदेशी टीम को हराकर जीत हासिल की। जैसे ही देसी महिलाओं ने रस्सी अपनी ओर खींची, पूरा मैदान तालियों और जयघोषों से गूंज उठा। ग्रामीण दर्शकों ने विजेता टीम को शाबाशी दी और खुशी से झूम उठे।
विदेशी महिलाओं की शानदार वापसी
पहली पारी में हारने के बावजूद विदेशी महिलाओं ने शानदार जोश और उत्साह के साथ दूसरे दौर में वापसी की। कड़े संघर्ष के बाद, विदेशी टीम ने तीन मिनट तक चले मुकाबले में रस्सी को अपनी ओर खींचकर जीत दर्ज की। विदेशी टीम की इस जीत ने मैदान में रोमांच पैदा कर दिया। पशुपालन विभाग के अधिकारियों और विदेशी समर्थकों ने भी तालियां बजाकर उनकी हौसला अफजाई की। विदेशी प्रतिभागियों ने इस अनुभव को अविस्मरणीय बताते हुए भारतीय संस्कृति से जुड़ने की खुशी व्यक्त की।
संयुक्त विजेता और खेल भावना का संदेश
दोनों टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद, जब परिणाम बराबरी पर रहा, तो आयोजकों ने खेल भावना और अंतर्राष्ट्रीय मैत्री को बढ़ावा देते हुए दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया। प्रतियोगिता के बाद, देसी और विदेशी महिलाओं के बीच मित्रता और सौहार्द का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। दोनों टीमों की महिलाओं ने एक-दूसरे को गले लगाकर फेयर प्ले का संदेश दिया। पशुपालन विभाग और आयोजकों ने दोनों टीमों को सम्मानित किया।
ढोल-नगाड़ों की थाप पर शानदार डांस
समापन समारोह के अंत में विदेशी नागरिकों और स्थानीय दर्शकों ने मिलकर ढोल-नगाड़ों की धुन पर नृत्य किया, जिससे पुष्कर मेला 2025 का समापन एक यादगार घटना बन गया। यह आयोजन न केवल पशु व्यापार और धार्मिक आस्था का केंद्र रहा, बल्कि यह दर्शाता है कि खेल और संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती।
