SIR को अमानवीय व्यवस्था में तब्दील कर रहे अधिकारी- जगेश्वर शर्मा

Wednesday, Nov 19, 2025-11:37 AM (IST)

जयपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री जगेश्वर प्रसाद शर्मा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप प्रदेश भर में चल रहे विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम SIR में अधिकारियों द्वारा सुपरवाइजर/बीएलओ कार्य में लगे शिक्षकों/कार्मिकों के साथ अमानवीय व्यवहार के लिए गहरा रोष व्यक्त किया है। अधिकारियों द्वारा अनावश्यक दबाव के चलते कार्य लगे कार्मिक अवसाद व मानसिक दबाव में है, उन्हें अनुशासनात्मक कार्यवाही, निलंबिन व बर्खास्तिगी का भय दिखाकर रात दिन कार्य करने को मजबूर किया जा रहा है, कार्मिक 14 से 18 घंटे फील्ड में कार्य कर रहे हैं। इस दबाव के चलते अजमेर में दो शिक्षिकाएं बेहोश हो गई तथा जयपुर में एक शिक्षक मुकेश कुमार जांगिड़ ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी।

 

जगेश्वर प्रसाद शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय को 11 बिन्दुओं का ज्ञापन सौंप स्थिति से अवगत कराते हुए इस व्यवस्था में हस्तक्षेप व व्यवस्था के शिकार शिक्षक को आर्थिक मुआवजा व आश्रित परिवार जन में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग रखी। महासंघ के प्रदेश संयुक्त मंत्री हरिश्चन्द्र प्रजापति राज्य निर्वाचन आयोग से अपील की है SIR महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है यह समयबद्ध तभी पूरा होगा जब कार्मिकों/शिक्षकों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखते हुए कार्य को अंजाम दिया जायेगा। शिक्षकों पर दोहरी जिम्मेदारी है SIR कार्य के साथ साथ विद्यार्थियों का शिक्षण व अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं को भी समय पर कराना है। विद्यालयों से 1/3 शिक्षकों को SIR में लगाया जाए ताकि विद्यालयों की व्यवस्था बनी रहे।

 

इस संबंध में कर्मचारी महासंघ (एकीकृत) ने अपनी वेदना को 11 बिंदुओं में बताया है जो इस प्रकार हैं:-

 

1. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एसआईआर का कार्य एक माह में पूर्ण करवाने का दबाब कार्मिको पर बनाया जा रहा है।
2. दबाब के नाम पर कारण बताओ नोटिस, निलम्बन तथा कई प्रकार की प्रताड़नाओं के कागज जारी कर डराया जाकर कार्य में लगे कार्मिकों पर मानसिक दबाब दिया जा रहा है।
3. मानसिक दबाब का परिणाम है कि राज्य के कई जिलो में शिक्षक/कार्मिक बेहोश, आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं या मानसिक सन्तुलतन बिगड़ने की स्थितियाँ उत्पन्न हो रही है।
4. वर्तमान में बीएलओ अथवा उसके साथ लगे सहायक पूरे दिन घर घर जाकर फार्म वितरित कर रहे है, उसके बाद भी रात्रि के समय में भी उन पर कार्य करने का दबाब बनाया जा रहा है।
5. विशेष परिस्थिति यथा परिवार में विवाह, सामाजिक समारोह, स्वास्थ्य कारणो को दरकिनार करते हुए कार्य करने के लिए मजबूर करना न्यायसंगत नहीं है।
6. वर्तमान में शिक्षा विभाग के विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का संचालन होना है ऐसी स्थिति में परीक्षा करवाना भी संस्था प्रधान के लिए महत्वपूर्ण कार्य है। इस स्थिति में चुनाव कार्य के लिए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षको का 1/3 ही इस कार्य के लिए प्रतिनुियक्त किया जाना ही उचित रहेगा।
7. बीएलओ कार्य में ड्यूटी कर रहे शिक्षको/ कार्मिकों को स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निलम्बन की कार्यवाही भय दिखाकर भारी दबाब बनया जा रहा है। इस प्रकार भय के वातावरण में उन्हें दिन-रात कार्य करने से कार्मिक अवसाद की स्थिति में गुजर रहे है।
8. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस प्रकार कि दबाब पूर्ण नीति के चलते झोटवाड़ा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय नाडी का बास, जयपुर के बीएलओ (शिक्षक) मुकेश जांगिड़ द्वारा आत्महत्या को मजबूर होना पड़ा।
9. इस प्रकार की घटनाओं से सम्पूर्ण राज्य के SIR में लगे शिक्षक / कार्मिकों में भारी भय व्याप्त हो रहा है। जिसके चलते राज्य कर्मचारियों में भारी आक्रोश पैदा हो रहा है।
10. मृतक बीएलओ मुकेश जांगिड़ के आश्रित परिवार को आर्थिक सहायता राशि सहित परिवार के आश्रित व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जावे।
11. राजकीय दायित्वों की श्रेणी में महत्वपूर्ण सभी कार्य समय पर पूर्ण हो इस हेतु प्रशासनिक अधिकारी संवेदनशील होकर कार्मिकों से कार्य करवाएं जिससें कोई अन्य घटना की पुनरावृति नहीं हो।


Content Editor

Anil Jangid

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