मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर का 12वां दीक्षांत समारोह: 3,508 विद्यार्थियों को उपाधियां, 48 स्वर्ण पदक प्रदान
Monday, Nov 17, 2025-01:04 PM (IST)
जयपुर | मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर (एमयूजे) ने अपने परिसर में 12वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जिसमें 3,508 विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों का सम्मान किया गया। समारोह का शुभारंभ अकादमिक प्रोसेशन और प्रतिष्ठित मणिपाल कुलगीत के गायन से हुआ । इस अवसर पर स्नातक, परिजन, संकाय सदस्य तथा शिक्षा एवं उद्योग जगत के विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। चार प्रमुख संकायों- स्वास्थ्य विज्ञान संकाय (FoHS), विधि संकाय (FoL), प्रबंधन, वाणिज्य एवं कला संकाय (FoMCA) तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं वास्तुकला संकाय (FoSTA)—से 3,007 स्नातक, 377 स्नातकोत्तर और 124 डॉक्टोरल उपाधियां प्रदान की गईं। इस वर्ष 48 स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए, जिनमें 35 स्नातक, 12 स्नातकोत्तर और एक पिएचडी स्तर पर थे।
दीक्षांत समारोह के प्रथम दिवस की मुख्य अतिथि सीएसआईआर की महानिदेशक एवं डीएसआईआर की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी थी। उन्होंने एमयूजे के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और अनुकूल शैक्षणिक वातावरण की सराहना करते हुए कहा कि मात्र 14 वर्षों में एनआईआरएफ में 58वाँ स्थान प्राप्त करना विश्वविद्यालय की अपार क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एमयूजे की सतत प्रगति को देखते हुए अगले दो से तीन दशकों में यहां से दो से तीन नोबेल पुरस्कार विजेता निकलना असंभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समारोह में उनकी उपस्थिति विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट शैक्षणिक योगदान और विद्यार्थियों की उल्लेखनीय उपलब्धियों के सम्मान में है।
स्नातकों को संबोधित करते हुए उन्होंने ज्ञान, नवाचार और सामूहिक उत्तरदायित्व के माध्यम से भारत के भविष्य को पुनर्लिखित करने में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए विद्यार्थियों से अपने शिक्षकों और विश्वविद्यालय का सम्मान करने तथा भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया।
प्रो-प्रेसिडेंट डॉ. करुणाकर ए. कोटेगर ने स्वागत उद्बोधन दिया और स्नातकों को अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की। प्रेसिडेंट डॉ. नीति निपुण शर्मा ने विश्वविद्यालय की 14-वर्षीय उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए अभिभावकों के विश्वास के प्रति आभार व्यक्त किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने भविष्य उन्मुख पाठ्यक्रमों, अंतरविषयक शिक्षा मॉडल तथा अनुसंधान एवं नवाचार उत्कृष्टता के माध्यम से एमयूजे को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
समारोह के दौरान परीक्षा नियंत्रक डॉ. दासारी नागराजु ने स्नातकों को शपथ दिलाई। धन्यवाद प्रस्ताव एमयूजे के कुलसचिव डॉ. अमित सोनी प्रस्तुत किये। उन्होंने विशिष्ट अतिथियों, अकादमिक काउंसिल सदस्यों, डीन, निदेशकों, विभागाध्यक्षों, संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के सहयोग से समारोह को सफल बनाने हेतु आभार व्यक्त किया। इसके पश्चात राष्ट्रगान के साथ प्रथम दिवस का समापन हुआ और पूरे परिसर में विद्यार्थियों एवं परिजनों ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का हर्षपूर्वक उत्सव मनाया। दीक्षांत समारोह के आयोजन 16 नवंबर को भी जारी रहेंगे, जहां टाटा एआईए के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ वेंकटाचलम अय्यर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे ।
