किसानों पर बीमा कंपनियों की मनमानी: राजस्थान में ₹1123.76 करोड़ का फसल क्लेम एक साल से अटका

Wednesday, Aug 13, 2025-03:06 PM (IST)

जयपुर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राजस्थान के किसानों को मिलने वाला क्लेम पिछले एक साल से अटका हुआ है। बीमा कंपनियों की मनमानी और सरकारी प्रक्रिया की सुस्ती के कारण जयपुर समेत 29 जिलों के सैकड़ों किसान अपने पैसे के इंतजार में हैं। खरीफ 2024 सीजन में फसल खराबे का कुल ₹1123.76 करोड़ का भुगतान अब तक अधर में लटका हुआ है।

जयपुर में ₹121.84 करोड़ बकाया
आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर जिले में ही ₹121.84 करोड़ का क्लेम अटका है। इसके अलावा जोधपुर में ₹146.05 करोड़, नागौर में ₹146.87 करोड़, श्रीगंगानगर में ₹60.83 करोड़ और टोंक में ₹70.24 करोड़ सहित अन्य जिलों में भी करोड़ों रुपये का भुगतान लंबित है।

भुगतान में देरी के कारण
केंद्र सरकार ने माना है कि योजना के क्रियान्वयन में भुगतान से जुड़ी शिकायतें मिली हैं। प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी राशि देने में देरी

बैंकों द्वारा बीमा प्रस्तावों को गलत या विलंब से भेजना

उपज के आंकड़ों में विसंगति

राज्य सरकार और बीमा कंपनियों के बीच विवाद

योजना के नियमों के मुताबिक, उपज के आंकड़े मिलने के 21 दिन के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए, लेकिन यह समयसीमा बार-बार टूट रही है।

कहां कितना अटका भुगतान (खरीफ 2024)
जिला                                    बकाया राशि   (₹ करोड़)
जयपुर                                                       121.84
जोधपुर                                                      146.05
नागौर                                                        146.87
श्रीगंगानगर                                                  60.83
टोंक                                                           70.24
भीलवाड़ा                                                    36.68
बीकानेर                                                     31.97
सीकर                                                        29.48
पाली                                                          47.18
हनुमानगढ़                                                  44.31
अन्य जिले     शेष राशि

किसान परेशान, समाधान कब?
सैकड़ों किसान बीमा कंपनियों और कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है। फसल खराबे के बाद राहत की उम्मीद लगाए बैठे किसान अब नाराजगी जता रहे हैं और भुगतान की समयसीमा तय करने की मांग कर रहे हैं।


 


Content Editor

Kuldeep Kundara

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