अंता में बीजेपी को क्यों मिली करारी हार, सामने आई ये जमीनी हकीकत

Saturday, Nov 15, 2025-02:26 PM (IST)

जयपुर। हाल ही में हुए अंता उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया ने बड़ी बढ़त से जीत दर्ज की। लेकिन सवाल यह है कि आखिर अंता में बीजेपी क्यों हार गई?  बारां जिले की अंता सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय मतदाता खुलकर कह रहे हैं कि सरकार के दो साल पूरे होने को हैं, लेकिन विकास के मोर्चे पर ठोस काम दिखाई नहीं देता। एक तरफ बिहार में महिलाओं के खाते में दस-दस हजार रुपये जमा करवाने की घोषणा की जाती है, वहीं दूसरी ओर अंता जैसे महत्वपूर्ण उपचुनाव में सरकार खाली हाथ पहुंचती है। 

 

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जो विकास कार्य पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के समय शुरू हुए थे, वह भाजपा सरकार के आने के बाद ठप पड़ गए। मांगरोल में करीब 4 करोड़ की लागत से बन रहा स्टेडियम, जिसमें रिटेनिंग वॉल, बाउंड्री वॉल और विभिन्न खेल मैदानों के कोर्ट तैयार हो चुके थे—अब अधूरा पड़ा है। नगरपालिका मैदान में मिट्टी डालने का काम नहीं कर सकी, और भाजपा शासन में दो साल से यह काम आगे नहीं बढ़ पाया। अधूरे मैदान में घास–झाड़ियाँ उग आई हैं, और खिलाड़ी मैदान के अभाव में परेशान हैं।

 

निर्माणाधीन पुस्तकालय पर भी ताला
मांगरोल बाजार में CSR फंड के 3 करोड़ रुपये से बन रहा बड़ा पुस्तकालय भी दो वर्षों से अधूरा है। चार मंजिला इस भवन में लिफ्ट, कैफेटेरिया, वृद्धजनों व युवाओं के लिए अलग-अलग वाचनालय, कंप्यूटर लैब और वाई-फाई की योजना थी। पास की दुकानों पर काम करने वाले लोग बताते हैं कि—सरकार बदलने के बाद से काम पूरी तरह ठप है।

 

सीसवाली खाड़ी पर पुल का धीमा निर्माण
सीसवाली के पास खाड़ी पर बनाया जा रहा पुल पिछले चार साल से अधूरा है। चुनाव से पहले इसे तेज़ी से पूरा करवाया जा सकता था, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण की गति बेहद धीमी रही। एक तरफ का सीसी रोड तो बन गया, लेकिन दूसरी ओर अधूरा काम लोगों के लिए परेशानी बना रहा।

 

मांगरोल गौण मंडी का मामला
मांगरोल की गौण मंडी पूरी तरह तैयार है। 17 व्यापारियों ने लाइसेंस भी ले रखा है, लेकिन फिर भी मंडी शुरू नहीं हो पाई। स्थानीय लोग कहते हैं कि प्रतिनिधियों की बेरुखी इसकी मुख्य वजह है। चूंकि आसपास के क्षेत्रों की 60% कृषि उपज बारां मंडी में जाती है, इसलिए मांगरोल मंडी शुरू न होना किसानों के लिए संवेदनशील मुद्दा बन गया। कंवरलाल मीणा की सजा के बाद यह तो साफ था कि यहां उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार से उम्मीद थी कि विकास कार्यों को गति देकर जनता को विश्वास दिलाया जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यही वजह रही कि अंता–मांगरोल–सीसवाली क्षेत्र की जनता ने प्रमोद जैन भाया को 16 हजार 694 वोटों से भारी जीत दिलाई। अंता की जनता अब उम्मीद लगाए बैठी है कि नए विधायक प्रमोद जैन भाया अधूरे पड़े इन सभी कामों को आगे बढ़ाएँगे। अब देखना ये है कि आने वाले महीनों में यहां विकास की गाड़ी रफ्तार पकड़ती है या नहीं।


Content Editor

Anil Jangid

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