62 वर्षों की वीरगाथा का समापन,बीकानेर नाल एयरबेस पर मिग-21 की अंतिम उड़ान
Tuesday, Aug 19, 2025-03:49 PM (IST)

बीकानेर— भारतीय वायुसेना इस सप्ताह बीकानेर के नाल एयरबेस से अपने अंतिम मिग-21 लड़ाकू विमानों को विदाई देने जा रही है। इस ऐतिहासिक अवसर के केंद्र में रहे एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह, PVSM, AVSM, चीफ़ ऑफ़ एयर स्टाफ (CAS), जिन्होंने 17 अगस्त से 19 अगस्त तक नाल एयरफोर्स स्टेशन में मौजूद रहकर इन अंतिम उड़ानों के साक्षी बने। यह सिर्फ एक विमान की विदाई नहीं है, बल्कि 62 साल पुराने उस युग का अंत है जिसमें 'देसी जुगाड़' की ताकत ने एक सोवियत मशीन को भारतीय आत्मा में ढाल दिया।
नाल एयरबेस: जहां एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह की निगरानी में गूंजेगी आखिरी दहाड़
राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरफोर्स स्टेशन भारत की वह आखिरी वायुसेना छावनी है, जहां से मिग-21 विमान अंतिम बार उड़ान भर रहे हैं।
17 अगस्त की सुबह यहां पहुंचे एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने स्क्वाड्रनों, पायलटों और ग्राउंड क्रू से मुलाकात की। उन्होंने अंतिम उड़ानों से पहले एयरमेन और अधिकारियों को संबोधित किया और कहा कि “मिग-21 ने हमें साहस, अनुशासन और निडरता सिखाई है। यह विदाई भारतीय वायुसेना के इतिहास का स्वर्णिम पन्ना है।”
‘फ्लाइंग कॉफिन’ से एयर योद्धा: एयर चीफ़ मार्शल सिंह की सलामी
450 से अधिक दुर्घटनाओं और लगभग 200 पायलट शहादतों के बावजूद मिग-21 ने कभी अपनी भूमिका से मुंह नहीं मोड़ा।
एयर चीफ़ मार्शल सिंह ने कहा: “कभी इसे फ्लाइंग कॉफिन कहा गया, लेकिन हमारे एयरवॉरियर्स ने इसे फ्लाइंग लीजेंड बना दिया। यह विमान तीन पीढ़ियों के लिए प्रशिक्षण का स्कूल रहा है और हर युद्ध में हमारी ढाल और तलवार बना।”
जुगाड़ की ताकत: HAL और IAF का कमाल
भारतीय तकनीशियनों और वैज्ञानिकों ने मिग-21 को बार-बार नया जीवन दिया। एयर चीफ़ मार्शल सिंह ने तकनीकी टीम की सराहना करते हुए कहा: “हिंदुस्तानी इंजीनियरिंग और जुगाड़ ने इस विमान को 21वीं सदी तक हवा में रखा। हर तकनीकी सुधार इस बात का प्रमाण है कि हमारे लोग किसी भी संसाधन को शक्ति में बदल सकते हैं।”
क्यों रहा इतने लंबे समय तक मिग-21?
एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने स्पष्ट किया कि मिग-21 को मजबूरी में लंबे समय तक उड़ाना पड़ा: “जब तक तेजस तैयार नहीं हुआ, हमें मिग पर भरोसा करना पड़ा। हमारी जिम्मेदारी थी कि भारतीय आकाश कभी खाली न रहे।”
तेजस Mk1A: भविष्य की उड़ान, नाल से ही नई कहानी
19 अगस्त को नाल एयरबेस से लौटने से पहले एयर चीफ़ मार्शल सिंह ने संकेत दिए कि तेजस Mk1A के स्क्वाड्रन भविष्य में बीकानेर में भी तैनात किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा: “आज हम मिग को सलाम कर रहे हैं, कल इसी आकाश से तेजस की दहाड़ सुनाई देगी। यह आत्मनिर्भर भारत की पहचान होगी।”
नाल एयरबेस पर फिल्मी रंग: नेटफ्लिक्स टीम, रणबीर, विकी, आलिया और भंसाली की मौजूदगी
इस ऐतिहासिक विदाई के बीच बीकानेर का नाल एयरफोर्स स्टेशन बॉलीवुड और इंटरनेशनल मीडिया का भी केंद्र बना।
सूत्रों के अनुसार, 6 अगस्त से 10 अगस्त तक नेटफ्लिक्स की टीम नाल एयरबेस पर मौजूद रही, जो मिग-21 की कहानी पर एक विशेष डॉक्यू-सीरीज़ बना रही है। इसके अलावा, रणबीर कपूर, विकी कौशल और आलिया भट्ट पहले ही "लव एंड वॉर" की शूटिंग के लिए नाल एयरबेस और बीकानेर आ चुके थे। शूटिंग की तैयारियों के लिए कोरियोग्राफ़र रेमो डीसूज़ा ने बीकानेर के हेरिटेज स्थलों को विकसित किया। वहीं, फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली भी 16 अगस्त को नाल एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस फिल्म में शायद एयरफोर्स चीफ़ का एक छोटा सा किरदार भी शामिल किया गया है।
राजस्थान की रेत पर अंतिम सलामी, चंडीगढ़ में अंतिम अध्याय
बीकानेर के नाल एयरबेस पर एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह की मौजूदगी में मिग-21 की आखिरी उड़ानों का सिलसिला इतिहास बन चुका है। अब 19 सितंबर को चंडीगढ़ में अंतिम डि-इंडक्शन समारोह होगा। राजस्थान की रेत, पंजाब की गलियां और कश्मीर की वादियां मिग-21 की गूंज से भरपूर रही हैं। आज वह गूंज स्मृतियों में दर्ज हो रही है और उसके साक्षी बने भारतीय वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह।