नेत्रदान से मिली नई रोशनी: कमलाबाई गोयल के देहांत के बाद परिवार ने लिया प्रेरणादायक निर्णय
Friday, Apr 25, 2025-07:06 PM (IST)

बारां । कहते हैं कि मृत्यु अंत नहीं होती, बल्कि वह किसी नई शुरुआत का माध्यम बन सकती है। ऐसा ही एक प्रेरणास्पद उदाहरण पेश किया है श्रीजी चौक निवासी 84 वर्षीय स्वर्गीय कमलाबाई गोयल के परिजनों ने। गुरुवार देर रात उनके आकस्मिक निधन के बाद जहां पूरे क्षेत्र में शोक की लहर थी, वहीं उनके परिजनों ने एक सराहनीय निर्णय लेकर समाज के लिए एक नई रोशनी की मिसाल कायम की। परिजनों—हेमराज गोयल, नरेंद्र गोयल, राजेश अग्रवाल, आशा गोयल, माया गोयल तथा वैभव, मयंक, नमन और अंशिका—ने स्व. कमलाबाई गोयल के नेत्रदान का फैसला लिया, जिससे उनकी मृत्यु के पश्चात भी किसी ज़रूरतमंद को जीवन की नई दृष्टि मिल सके। रात्रि 3 बजे कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम, डॉ. कुलवंत गौड़ के नेतृत्व में बारां पहुँची और नेत्रदान की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक संपन्न किया। डॉ. गौड़ ने बताया कि वह सदैव नेत्रदान के लिए तत्पर रहते हैं, ताकि किसी अंधकार में डूबे व्यक्ति को रोशनी मिल सके।
भारत विकास परिषद के सचिव हितेश खंडेलवाल और अध्यक्ष नरेश खंडेलवाल ने इस पुनीत कार्य में अहम भूमिका निभाई। श्री नरेश खंडेलवाल ने जानकारी दी कि परिषद पिछले चार वर्षों से नेत्रदान महाअभियान चला रही है और इसी माह दो जोड़ी नेत्रों का दान परिषद के माध्यम से पूर्ण हुआ है। स्व. कमलाबाई गोयल के परिजनों का यह निर्णय न केवल उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है कि मृत्यु के पश्चात भी किसी के जीवन में प्रकाश फैलाया जा सकता है।