डॉक्टर की गैरमौजूदगी में सड़क पर दिया शिशु को जन्म
Monday, Apr 28, 2025-03:01 PM (IST)

डॉक्टर की गैरमौजूदगी में सड़क पर दिया शिशु को जन्म
उदयपुर, 28 अप्रैल (पंजाब केसरी): राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र के नांदेशमा में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। चालवा गांव निवासी लेरकी गमेती की पत्नी कमलेश को देर रात प्रसव पीड़ा हुई। परिजन तुरंत उसे नांदेशमा के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन मुख्य द्वार बंद मिला और कोई डॉक्टर या स्टाफ वहां मौजूद नहीं था। महिला करीब पांच घंटे तक अस्पताल परिसर के बाहर दर्द से तड़पती रही। रात लगभग तीन बजे असहनीय पीड़ा के बीच महिला ने सड़क पर ही शिशु को जन्म दे दिया। गांव की एक महिला ने नवजात की गर्भनाल काटकर सहायता की।घटना के बाद ग्रामीणों में अस्पताल प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मामले से अवगत कराया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर इलाज मिलता, तो महिला और बच्चे को सुरक्षित माहौल मिल सकता था। जब इस संबंध में अस्पताल के चिकित्सक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे उदयपुर में रहते हैं, जहां उनकी 92 वर्षीय मां की तबीयत खराब रहती है। अस्पताल में केवल एक नर्सिंग स्टाफ, एक एलटी और एक फार्मासिस्ट तैनात हैं। चिकित्सकों ने क्षेत्रीय अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी को इस तरह की घटनाओं का प्रमुख कारण बताया और जल्द समाधान की आवश्यकता जताई।
बीसीएमओ ने दिए जांच के आदेश
बीसीएमओ डॉ. दिनेश मीणा शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पीएचसी में नियुक्त डॉ. प्रवीण कुमार के अवकाश की कोई जानकारी नहीं थी। ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए सीएमएचओ को शिकायत की, जिसके बाद सीएमएचओ ने बीसीएमएओ को जांच के आदेश देते हुए स्टाफ की अनुपस्थिति की जानकारी मांगी है।