टोंक कलेक्टर सौम्या झा क्यों हैं विवादों में ? नरेश मीणा मामले में क्या कर दी चूक ?
Thursday, Nov 14, 2024-02:25 PM (IST)
जयपुर | राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान बुधवार को हंगामा हुआ. जो रात होते-होते इस कदर बढ़ा कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी की नौबत तक आ गई. पुलिस कार्रवाई करने पहुंची तो नरेश मीणा के समर्थकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और मीणा मौके से फरार हो गए. निर्दलीय उम्मीदवार ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था, जिसके बाद मामला गरमा गया। इस पूरे मामलें में एक और अधिकारी है जिसकी कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं, साथ ही जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी कहीं ना कहीं सवाल खड़े करती है। दरअसल टोंक जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा की भूमिका भी कहीं ना कहीं इस पुरे मामलें में कठघरे में है।
एसडीएम थप्पड़ कांड से लेकर देर रात हुए बवाल के बीच टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा की कार्य प्रणाली को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए। दरअसल, इस विवाद की शुरुआत समरावता गांव के ग्रामीणों ने अपने गांव को देवली उपखंड से हटाकर वापस उनियारा में किए जाने की मांग की। इसको लेकर ग्रामीणों ने बुधवार सुबह वोटिंग का बहिष्कार कर दिया और मांग की, जिला कलेक्टर मौके पर आकर उन्हें आश्वासन दे। इस बीच ही नरेश मीणा और एसडीएम के बीच मारपीट की घटना हो गई, लेकिन इसके बाद भी टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा मौके पर नहीं पहुंची। इस दौरान केवल टोंक एसपी ने ही मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। चर्चा है कि यदि टोंक कलेक्टर समय रहते मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास करती, तो शायद यह बड़ा बवाल नहीं होता
।बाड़मेर की शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह पूरी तरीके से सिस्टम का फेलीअर है । कहीं ना कहीं सिस्टम की तरफ से ही माहौल खराब करने का कार्य हुआ है । अगर सही तरीके से सिस्टम से हैंडल करता तो इतना बड़ा घटनाक्रम नहीं होता । इससे पहले भी राजस्थान की यंग कलेक्टर के रूप में चर्चित डॉ. सौम्या झा चर्चाओं में रही है। सौम्या झा ने जब टोंक कलेक्टर का चार्ज लेने के साथ ही चर्चाओं में आई थी तब कलेक्टर का चार्ज लेने के साथ ही सौम्या ने एक्शन मोड़ में आते हुए अवैध बूचड़खानों को सीज करवा दिया था जिसके बाद से वह काफी दिनों तक चर्चाओं में रही थी। आपको बतादें कि सौम्या झा ने साल 2016 में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम क्रैक किया। पहले ही प्रयास में उन्होंने 58वीं रैंक हासिल की थी। उनकी शुरुआती पढ़ाई बिहार में हुई, बाद में वो मध्य प्रदेश शिफ्ट हो गईं। 30 वर्षीय डॉ. सौम्या झा ने एमबीबीएस किया था। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम दिया और पहले ही अटेम्प्ट में सफलता हासिल की। सौम्या के पिता आईपीएस अफसर हैं। उनकी मां भी डॉक्टर हैं। सौम्या झा को हिमाचल प्रदेश का कैडर मिला, हालांकि, दो साल पहले ही सौम्या ने राजस्थान कैडर के आईएएस अक्षय गोदारा से शादी करके अपना कैडर बदल लिया। कैडर चेंज होते ही वो राजस्थान आ गईं।