कार्मिको की कमी से जूझ रही आबूरोड नगरपालिका, जिला कलेक्टर को लिख चुके है पत्र....!
Wednesday, Sep 27, 2023-08:20 PM (IST)

पंजाब केसरी ब्यूरों - सिरोही | राज्य सरकार द्वारा आमजन के कोई अतिआवश्यक कार्य प्रभावित नहीं हो उसके लेकर गांव में ग्राम पंचायत व शहरों में नगरपालिका की व्यवस्था की जाती है। ताकि छोटे मोटे कार्य उस स्तर बपर यानी वहां से हो जाये। परन्तु हैरत की बात तो यह है कि स्वयं नगरपालिका आबूरोड़ कार्मिको की भारी कमी से जूझ रहीं है। और जिम्मेदारो ने उसी नगरपालिका के कार्मिक को करीब तेरह वर्ष से प्रतिनियुक्ति पर भेजा हुआ है। ऐसे में आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि कार्मिक की आवश्यकता मूल विभाग में है या प्रतिनियुक्ति वाली जगह यूआईटी आबू में..? फिर क्या जिम्मेदार क्षेत्र की जनता के हितों से न्याय कर रहें हैं या अन्याय..? यूआईटी आबू में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत वरिष्ठ लिपिक सौरभ शर्मा की प्रतिनियुक्ति निरस्त करके मूल विभाग में पुनः लगाने को लेकर कई बार जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत करवाया जा चुका है। उसके बाद भी कार्मिक सौरभ शर्मा की प्रतिनियुक्ति निरस्त नहीं कि गई। आबूरोड़ नगरपालिका के चेयरमैन मगनदान चारण ने बताया की नगरपालिका आबूरोड़ कार्मिको की भारी कमी से जूझ रहीं। अधिकांश पोस्ट रिक्त है, और कुछ कार्मिक जो संविदा पर कार्यरत हैं व उनके भरोसे नगरपालिका की व्यवस्था चल रहीं हैं। आमजन के कार्य प्रभावित हो रहें हैं। उसके बाद में भी प्रतिनियुक्ति निरस्त नही की गई। ऐसे में नगरपालिका क्षेत्र में आमजन के कार्य कैसे होंगे.?
नगरपालिका आबूरोड़ ने भी कई बार जिला कलेक्टर को लिखा पत्र :-
वर्तमान चेयरमैन से लेकर पूर्व के चेयरमैन द्वारा सिरोही जिला कलेक्टर को बकायदा पत्र लिखकर प्रतिनियुक्ति निरस्त करने की मांग उठाई है। परन्तु कार्मिक सौरभ शर्मा पर जिला प्रशासन क्यो मेहरबान है यह कई सवाल खड़े कर रहा है..? आमजन के यूआईटी से ज्यादा नगरपालिका में कार्य पड़ता है। ऐसे में नगरपालिका में कार्मिको की कमी दूर करना आवश्यक है फिर भी जिम्मेदार प्रतिनियुक्ति निरस्त करना मुनासिब नहीं समझे। ऐसे में उनकी कार्यशैली व भूमिका पर भी सवाल उठना वाजिब है..? आख़िर ऐसी क्या वजह है जिसको हर कोई जानने को लेकर उत्सुक हैं इतने वर्षों तक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिक की प्रतिनियुक्ति क्यो निरस्त नहीं हुई..? जबकि कई लेवल तक विषय कई मर्तबा जिम्मेदारो के सम्मुख उठा भी।
क्या प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिक के उच्चे रसूखात के आगे जिम्मेदार भी तो नतमस्तक नहीं....?
कहते हैं जिनके रसूखात या अप्रोच उच्च लेवल तक हो उनके भले नियम क़ायदे क्या मायने रखते हैं और उनका बाल भी बांका कौन कर सकता है....? कुछ ऐसा ही प्रथम दृष्टवा यूआईटी आबू में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत वरिष्ठ लिपिक सौरभ शर्मा के संदर्भ में प्रतीत हो रहा हैं..? सम्भवतः शर्मा की कई उच्च लेवल से हाई एप्रोच तो नहीं..?जिससे शर्मा की रसूखात के आगे कई जिम्मेदार अधिकारी भी बेबस नजर आ रहें है....? यानी यूं कहें कि नतमस्तक है..? जब जिला परिषद में मामला उठा उसके पहले भी नगरपालिका के चेयरमैन द्वारा पत्र लिखा गया कई बार फिर भी कार्मिक की प्रतिनियुक्ति निरस्त नही करना कई सवाल तो खड़े करेगा ही....? जबकि उक्त कार्मिक की जिस जगह मूल पोस्टिंग है वहा कि जनता अपने कार्यों को करवाने के लिए ठोकरे खाने को विवश हैं फिर भी जिम्मेदार बेखबर क्यो है..? गौरतलब है कि यूही कोई किसी पर मेहरबान भला कैसे हो सकता है क्या इसके पीछे भी कोई गहरे राज छुपे हुए हो सकते हैं...? वजह जो भी हो आज यह विषय पूरे ज़िले में चर्चा का विषय बना हुआ है। ओर लोग कई प्रकार के कयास लगा रहें हैं...!
ऐसे में कैसे होगे निष्पक्ष चुनाव ..? कई चुनाव आयोग के निर्देशो की तो धज्जियां नहीं उड़ रही.....?
प्रदेश में इसी साल के अंत मे विधानसभा के चुनाव है। जिसको लेकर केंद्रीय व राज्य चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। और सरकार को पूर्व में निर्देश दिये जा चुके हैं की एक ही जगह पर तीन वर्ष से कार्यरत कार्मिको का अन्य जगह तबादला किया जाये। परन्तु दिलचस्प बात तो यह कि करीब तेरह वर्ष से यूआईटी आबू में कार्यरत वरिष्ठ लिपिक सौरभ शर्मा पर ऐसे कोई निर्देश चुनाव आयोग के लागू होते दिख नहीं रहें..? ऐसे में कई यह चुनाव आयोग के आदेश की अवहेलना तो नही..? फिर निष्पक्ष मत प्रणाली पर भी सवालियां निशान खड़े हो सकते हैं..? जो कार्मिक तेरह वर्ष से एक ही जगह पर वो भी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं कई चुनावी निष्पक्षता को तो प्रभावित नहीं करेगा..? खेर देखने वाली महत्वपूर्ण बात यह होगी अब क्या जिला प्रशासन कोई एक्शन लेता है या नही..?
इनका कहना
मैंने पूर्व में कई बार सिरोही जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर वरिष्ठ लिपिक सौरभ शर्मा की प्रतिनियुक्ति निरस्त करके मूल विभाग नगरपालिका आबूरोड़ में पुनः लगाने की मांग उठाई है। नपा स्वयं कार्मिकों की कमी से जूझ रहीं हैं। ओर नगरपालिका की व्यवस्था संविदा कार्मिको के भरोसे फिलहाल चल रहीं हैं। अधिकांश पोस्ट रिक्त है। आमजन के कई अतिआवश्यक कार्य प्रभावित हो रहें हैं। ऐसे में क्षेत्र की जनता को कैसे राहत मिलेगी। फिर भी जिला कलेक्टर द्वारा प्रतिनियुक्ति निरस्त नहीं कि गई।
"मगनदान चारण अध्यक्ष नगरपालिका आबूरोड़"