बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले को लेकर सिरोही में संतों ने किया विरोध
Monday, Dec 16, 2024-01:18 PM (IST)
सिरोही | बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में सिरोही के ह्रदय स्थल रामझरोखा मंदिर प्रांगण में जिले के सैकड़ों साधु-संतों ने प्रदर्शन करके बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हों रहें जानलेवा हमले को लेकर जमकर आक्रोश जताया। इस दौरान कई संत महात्माओ नें सम्बोधन के दौरान बांग्लादेश कि कायराना हरकत में नाराजगी जताई। श्री आबूराज संत सेवा मंडल के नेतृत्व में साधु-संतों ने घंटे-घड़ियाल बजाते हुए रैली निकाली और सिरोही जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने डॉ दिनेश राय सापेला अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति के नाम सिरोही एडीएम को सुपुर्द ज्ञापन में संतों ने मांग कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार से हस्तक्षेप कर वहां शांति स्थापित करे, और हिन्दुओं कि रक्षा करने को लेकर उचित कदम उठाएं, संतों ने कहा कि यदि उन्हें अनुमति दी जाए तो वे स्वयं बांग्लादेश पर आक्रमण करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि संत समाज आत्मिक बलिदान के लिए सदैव तत्पर है और इतिहास में हमेशा संघर्ष करते हुए प्राण न्योछावर किए हैं। संतों ने अपने ज्ञापन में बताया कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के सत्ता में जाने के बाद से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर हिंसात्मक हमले किए जा रहे हैं. धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है. निर्दोष हिंदुओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और उन्हें अपने व्यवसाय और नौकरियां छोड़कर देश छोड़ने के लिए विवश किया जा रहा है। संतों ने गंभीर आरोप लगाया कि बांग्लादेश की सरकार इस हिंसा को रोकने में गंभीरता नहीं दिखा रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वैश्विक संगठनों और मानवाधिकार संगठनों ने भी इस दिशा में आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं। श्री आबूराज संत सेवा मंडल के अध्यक्ष महंत लेहर भारती महाराज ने भारत सरकार के प्रयासों को भी अपर्याप्त बताते हुए कहा कि विश्व समुदाय और भारत सरकार को इन घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए. उन्होंने मांग की कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को तुरंत प्रभाव से रोके, गिरफ्तार इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मयदास कृष्ण दास प्रभुजी को रिहा करे और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करे। हिन्दुओं पर हों रहें हमलों पर संत समाज आक्रोषित दिखा, सरकार को इसपर उचित कदम उठाने की मांग की है।