कमलेश मेटकास्ट और मोरस क्षेत्र में प्रस्तावित खनन के खिलाफ किसानों का अल्टीमेटम

Friday, Dec 26, 2025-03:41 PM (IST)

सिरोही। सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजनाओं को लेकर किसान आक्रोशित हो गए हैं। भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम सिरोही जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी कों ज्ञापन भेजकर स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि किसानों के हितों की अनदेखी की गई तो जनवरी माह में 15 जनवरी के बाद कमलेश मेटाकास्ट खनन परियोजना व मोरस क्षेत्र में प्रस्तावित कैल्साइट खनन परियोजना के विरुद्ध ऐतिहासिक और उग्र आंदोलन किया जाएगा। किसान संघ ने आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और राज्य सरकार पर डालने की बात कही है।

 

किसान हितों के खिलाफ खनन का आरोप
भारतीय किसान संघ ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि पिण्डवाड़ा तहसील क्षेत्र में कमलेश मेटाकास्ट तथा मोरस क्षेत्र में प्रस्तावित कैल्साइट खनन परियोजनाएं किसानों के जीवन, कृषि भूमि, जल स्रोतों और पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध होंगी। इन परियोजनाओं से क्षेत्र की उपजाऊ जमीन बंजर होने का खतरा है, वहीं भूजल स्तर भी तेजी से गिर रहा है। किसान संघ का कहना है कि सरकार द्वारा बिना स्थानीय किसानों की सहमति और व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन किए खनन परियोजनाओं को बढ़ावा देना ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रहार है।

 

पश्चिमी बनास बांध का पानी किसानों को देने की मांग
ज्ञापन में सिरोही जिले के सबसे बड़े जल स्रोत बनास बांध का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया है। किसान संघ ने मांग की है कि बनास बांध का संपूर्ण पानी प्राथमिकता के आधार पर किसानों को उपलब्ध कराया जाए। संगठन का आरोप है कि किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं की अनदेखी कर जे.के. फैक्ट्री को पानी दिया जा रहा है, जिससे खेत सूख रहे हैं और फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है। किसान संघ ने जे.के. फैक्ट्री को तत्काल पानी आपूर्ति बंद करने की मांग की है।

 

अवैध खनन पर गंभीर आरोप
रोहिड़ा व स्वरूपगंज सरगामाता क्षेत्र सहित पूरे क्षेत्र में अवैध मिट्टी, बजरी और पत्थर खनन को लेकर भी किसान संघ ने गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि अवैध खनन के कारण खेतों की उपजाऊ मिट्टी नष्ट हो रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में गहरे गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। विशेष रूप से पश्चिमी बनास बांध और कादंबरी बांध के कैचमेंट एरिया में अवैध बोरवेलों से पानी निकालकर जे.के. फैक्ट्री को बेचे जाने का आरोप लगाया गया है। किसान संघ ने इसे जल संरक्षण कानूनों का खुला उल्लंघन बताया है।

वन भूमि में खनन की जांच की मांग
किसान संघ ने आशंका जताई है कि जे.के. फैक्ट्री द्वारा स्वीकृत खनन लीज से बाहर वन क्षेत्र और अन्य सरकारी भूमि में भी खनन कार्य किया गया है। इस मामले में उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की गई है।

वाटेरा में अवैध मिट्टी खनन, एफआईआर नहीं होने पर नाराजगी
हाल ही में सरगामाता क्षेत्र की वाटेरा ग्राम पंचायत में भारी मात्रा में अवैध मिट्टी खनन का मामला भी ज्ञापन में उठाया गया है। किसान संघ का आरोप है कि ग्राम पंचायत द्वारा रिपोर्ट देने के बावजूद राजनीतिक दबाव के चलते अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। संगठन ने इसे प्रशासनिक उदासीनता करार दिया है और तत्काल एफआईआर दर्ज कर खनन माफियाओं पर नकेल कसने की मांग की है।

जनवरी में आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि किसानों के हित में शीघ्र निर्णय नहीं लिए गए तो जनवरी माह में कभी भी कमलेश मेटाकास्ट खनन परियोजना व मोरस क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजना के खिलाफ व इस ज्ञापन में वर्णित मांगो कों नही मानने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। संगठन ने चेताया कि यह आंदोलन जिले का अब तक का सबसे बड़ा किसान आंदोलन होगा।

किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि किसान अब अपने पानी, जमीन और भविष्य के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं। समय रहते सरकार ने कदम नहीं उठाए तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।

प्रशासन और सरकार पर डाली जिम्मेदारी
ज्ञापन के अंत में भारतीय किसान संघ ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आंदोलन या कानून-व्यवस्था की स्थिति की संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन और राज्य सरकार की होगी। किसान संघ ने सरकार से अपील की है कि वह किसानों की पीड़ा को समझते हुए तत्काल न्यायोचित निर्णय ले।


Content Editor

Anil Jangid

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News