जिला अस्पताल की लापरवाही मरीजों को क्यों पड़ रही है भारी, जानिए क्या है पूरा मुद्दा ?

Friday, Sep 20, 2024-02:54 PM (IST)

जैसलमेर, 20 सितंबर 2024 । प्रदेश में यूं तो भजनलाल सरकार बड़े-बड़े वादों से आम जनता का रुख अपनी ओर मोड़ रही है । ऐसे में चिकित्सा मंत्री भी प्रदेश के अस्पतालों में सुविधाओं को लेकर बड़ी-बड़ी ढींगे हांक रहे हैं । लेकिन जैसलमेर का जिला अस्पताल को और ही कुछ कहानी बयां कर रहा है ।   

जैसलमेर जिला अस्पताल में पिछले 25 दिनों से सीटी स्कैन मशीन खराब
दरअसल, जैसलमेर के जिला अस्पताल में पिछले 25 दिनों से सीटी स्कैन मशीन खराब पड़ी है, जिसके चलते मरीजों को महंगे दामों में बाजार से सीटी स्कैन करवाना पड़ रहा है । लेकिन न तो अस्पताल प्रशासन और न ही ठेकेदार इसे ठीक करवाने के लिए गंभीर नजर आ रहे है । ऐसे में सरकार के नुमाइंदों की ओर से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।  

PunjabKesari

मरीज महंगे दामों में सिटी स्कैन करवाने को मजबूर
बताया जा रहा है कि पिछले महीने आई बारिश से अस्पताल की छत टपकने से 26 अगस्त को सीटी स्कैन मशीन खराब हो गई थी, जो 25 दिन बीत जाने के बाद अभी भी बंद ही पड़ी हुई है। जानकारी के मुताबिक मशीन के अंदर लगने वाली ट्यूब खराब हो गई है, जो करीब 15 लाख रुपए की कीमत की बताई जा रही है । ऐसे में ठेकेदार का टेंडर 2026 में पूरा हो रहा है, इसलिए इतने कम समय में शायद वो 15 लाख रुपये खर्च नहीं कर रहा है। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर अस्पताल में पिछले 25 दिन से खराब पड़ी इस सीटी स्कैन की मशीन को कौन सुधरवाएगा । अब अस्पताल प्रशासन ठेकेदार पर और ठेकेदार अस्पताल प्रशासन पर ठीकरा फोड़ रहा है ।  

PunjabKesari

बरसात में छत टपकने से हुई थी मशीन खराब
बता दें कि जिला अस्पताल में सिद्धार्थ सीटी स्कैन सेंटर द्वारा चलाई जा रही सीटी स्कैन मशीन जवाहर चिकित्सालय में भारी बारिश के कारण छत से पानी का रिसाव होने के चलते खराब हो गई थी । जिससे सिटी स्कैन से संबंधित कार्य बाधित हो गया है । मशीन में खराबी आने के कारण सीटी स्कैन सेवाएं अवरुद्ध हो गई है, जिसकी सूचना संचालक द्वारा पीएमओ व ठेकेदार को भिजवाई गई थी। आपको बता दे कि 2016 में सिद्धार्थ सीटी स्कैन को मशीन संचालन व रखरखाव का ठेका दिया गया था जो 2026 में पूर्ण होने वाला हैं । चूंकि रखरखाव ठेकेदार का है । इसलिए मशीन ठीक करवाने की जिम्मेदारी भी ठेकेदार की होती है, लेकिन बरसात व शॉर्ट सर्किट के चलते मशीन खराब हुई है । इसलिए ठेकेदार अस्पताल प्रशासन से हर्जाने की मांग कर रहा है। यही नहीं ठेकेदार का अप्रैल 2023 से करीब 26 लाख रुपए का भुगतान भी बकाया है । जिसके चलते उसने पीएमओ को पत्र लिखकर मशीन को ठीक करवाने में असमर्थता जताई है। हालांकि पीएमओ डॉ .चंदन सिंह का कहना है कि इतने दिनों तक इनको देने के लिए फंड नहीं आया हुआ था। अब फंड आ गया है। जल्द भुगतान कर दिया जाएगा । बहरहाल अस्पताल प्रशासन व ठेकेदार के बीच चल रही रस्साकशी के बीच आमजन परेशान हो रहा है ।

ऐसे में अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार के बीच बनी कशमकश के कारण अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है । हालांकि अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही मशीन सुधरवाने के लिए संभावना जताई है । 


Content Editor

Chandra Prakash

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News